हरियाणा से कांग्रेस विधायक और भारतीय कुश्ती की दिग्गज खिलाड़ी विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) ने अपने 31वें जन्मदिन पर एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने अपने पिछले साल लिए संन्यास के फैसले को पलटते हुए कुश्ती मैट पर वापसी की घोषणा की है। विनेश का अब अगला लक्ष्य लॉस एंजिल्स में होने वाले 2028 ओलंपिक खेलों में देश के लिए पदक जीतना है।
संन्यास से वापसी का कारण
विनेश ने कहा कि संन्यास के दौरान उन्हें यह एहसास हुआ कि उनकी यात्रा अभी खत्म नहीं हुई है। उन्होंने अपनी वापसी को केवल व्यक्तिगत लक्ष्य तक सीमित नहीं रखा है, बल्कि इसे महिला पहलवानों के लिए एक बड़े बदलाव से जोड़ा है।
- उन्होंने कहा, “पिछले साल मेरे संन्यास के ऐलान के बाद, कई युवा और महिला पहलवानों ने मुझे प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि हमें आपकी ज़रूरत है। इस बार, मैं ओलंपिक में अकेली नहीं जा रही हूँ। इस बार मेरे साथ देश की तमाम महिला पहलवानों का संघर्ष है।”
- विनेश ने संकेत दिया कि उनकी वापसी सिर्फ खेल के लिए नहीं है, बल्कि देश में महिला पहलवानों के लिए न्याय और सम्मान सुनिश्चित करने के बड़े संघर्ष का हिस्सा है।
- उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका अंतिम लक्ष्य 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक में देश के लिए पदक जीतना है।
संघर्ष और चुनौतियां
विनेश फोगाट ने पिछले कुछ वर्षों में कुश्ती की दुनिया के बाहर भी बड़े संघर्षों का सामना किया है:
- विनेश उन प्रमुख पहलवानों में से थीं, जिन्होंने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए थे। इस आंदोलन ने देश भर में सुर्खियां बटोरी थीं।
- इस लंबे विरोध और कानूनी लड़ाई ने उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से काफी थका दिया था, जिसके चलते उन्होंने 2024 पेरिस ओलंपिक से पहले संन्यास की घोषणा कर दी थी।
विनेश की वापसी न केवल भारत के लिए ओलंपिक की उम्मीदों को बढ़ाएगी, बल्कि देश में महिला एथलीटों के अधिकारों के लिए चल रहे आंदोलन को भी नई ऊर्जा देगी। उनकी इस घोषणा का उनके समर्थकों और खेल जगत ने व्यापक रूप से स्वागत किया है।


