दिल्ली की लड़ाई अब रोचक होती जा रही है। दो बार से खाता तक नहीं खोलने वाली कांग्रेस इस बार आक्रामकता के साथ चुनावी मैदान में है। इससे दिल्ली की सत्ता पर 12 वर्ष से काबिज आम आदमी पार्टी की मुसीबत बढ़ती जा रही है। इस बार आप की नजर चौके पर है। लेकिन इस बार जीत उतनी आसान नहीं होगी। उसके रास्ते को बीजेपी चट्टान बनकर रोकने के लिए पूरा जोर लगा रही है तो कांग्रेस ने भी इसे त्रिकोणीय संघर्ष बना दिया है। आप यह अच्छे से जानती है कि कांग्रेस मजबूत हुई तो उसका सीधा नुकसान उठाना पड़ेगा। अगर कुछ सीटों पर कांग्रेस जीत भी गई तो सबसे ज्यादा डर यह है कि कहीं भाजपा बाजी न मार ले जाए। ऐसे में आप को नुकसान होना तय है। क्योंकि आप ने कांग्रेस के ही वोटबैंक पर कब्जा किया है। अगर कांग्रेस कमबैक करती है तो आप की मुसीबत बढ़ेगी।
हमलावर तेवर से सहमी आप
आम आदमी पार्टी कांग्रेस की आक्रामकता से डरी हुई है। दिल्ली कांग्रेस के हमलावर तेवरों के बाद अरविंद केजरीवाल ने जाल फैलाया और कई सहयोगी दलों का समर्थन हासिल कर लिया। इसके साथ ही इंडिया गठबंधन के बाकी नेताओं के जरिए कांग्रेस आलाकमान को नरम रुख अपनाने के लिए मनाने की कोशिश की। हालांकि ऐसा हुआ नहीं और राहुल गांधी ने केजरीवाल के खिलाफ मोर्चा खोल लिया है। अजय माकन ने तो केजरीवाल को देशद्रोही तक कह दिया था। कांग्रेस ने महिला सम्मान योजना और बुजुर्गों के लिए हेल्थ स्कीम के लिए घर-घर जाकर रजिस्ट्रेशन करने को धोखाधड़ी बताते हुए पुलिस में शिकायत तक दर्ज कराई। कांग्रेस कभी भ्रष्टाचार के मुद्दे पर तो कभी वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए आप के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है। दिल्ली के चुनाव में कांग्रेस को प्रियंका गांधी वाड्रा की एंट्री का इंतजार है।
कांग्रेस से डरी हुई है आप
आप को भाजपा से ज्यादा कांग्रेस का डर सता रहा है। उसे डर है कि कांग्रेस कुछ सीटें छीनकर भाजपा को मजबूत करने में मदद न कर दे। आप को ओखला, चांदनी चौक और बादली समेत 10 सीटों पर कांग्रेस से फाइट मिल रही है। 2017 के एमसीडी चुनाव में कांग्रेस ने अच्छी फाइट दी थी। ऐसे में अगर कांग्रेस कमबैक करती है तो यह आप के लिए किसी आप-दा से कम नहीं होगा।