दिल्ली में अब कांग्रेस और आप की राहें जुदा होते दिख रही हैं। कांग्रेस भी अब आप से दूरी बनाते दिख रही है। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि 2025 अब दूर नहीं है। अरविंद केजरीवाल की असलियत जनता के सामने आ चुकी है। उन्होंने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया होता तो तब देते जब जेल गए थे। जो आदमी दफ्तर नहीं जा सकता, किसी फाइल पर साइन नहीं कर सकता, उसने मजबूरी में इस्तीफा दिया है। आज वो कह रहे हैं कि जनता फैसला करेगी। शीला दीक्षित ने जो विश्वस्तरीय दिल्ली की नींव रखी थी, वो आज चरमरा गई है। हम दिल्ली की सभी 70 सीटों पर मजबूती से लड़ेंगे, जनता जो चाहती है वो साफ है कि 2025 में कांग्रेस का मुख्यमंत्री चुना जाएगा।
बयान के यह हैं मायने
दरअसल कांग्रेस और आप का हरियाणा विधानसभा चुनाव में समझौता नहीं हो पाया है। इससे साफ हो गया है कि अगर जरूरत पड़ी तो कांग्रेस दिल्ली में अकेले चुनाव लड़ेगी। वैसे भी इंडिया गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए हुआ था। पंजाब में दोनों पार्टियां अलग-अलग चुनाव लड़ी थीं। वैसे भी केजरीवाल और कांग्रेस अपनी सुविधानुसार यह स्पष्ट कर चुके हैं कि यह समझौता देश के चुनाव के लिए था, न कि प्रदेश के लिए। दिल्ली लोकसभा चुनाव में उनके बीच समझौता हुआ लेकिन इसके बाद भी भाजपा सातों सीटें जीत गई। जाहिर है कि गठबंधन को कोई फायदा दोनों पार्टियों को नहीं हुआ। ऐसे में लगातार दो बार से बंपर वोटों से जीत रही आप शायद ही कांग्रेस से गठबंधन करे। वैसे भी आप कांग्रेस के वोटबैंक को हासिल कर जीतती रही है।