बिहार में महागठबंधन टूटने के बाद बयानों के तीर दोनों ओर से चल रहे हैं। कांग्रेस ने जेडीयू पर तंज कसा तो जेडीयू ने भी पलटवार किया। अब कांग्रेस महासचिव(संचार) जयराम रमेश ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस्तीफा दिया है तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है क्योंकि वे बहुत अनुभवी व्यक्ति हैं। वे बार-बार अपना राजनीतिक रंग बदलते हैं और राजनीतिक रंग बदलने में वे गिरगिटों को कड़ी टक्कर देते हैं। बिहार की जनता उन्हें और उन्हें दिल्ली से नचाने वालों को सही जवाब देगी।
सूत्रधार ही कह रहा-कोई भविष्य नहीं
भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जब इंडिया गठबंधन के प्रमुख सूत्रधार नीतीश कुमार यह कह रहे हैं तो कोई भविष्य है क्या उसका? प्रधानमंत्री के पद की कोई वैकेंसी नहीं है। लोकसभा चुनाव में एनडीए की जीत होगी और बिहार में 40 की 40 सीटें मिलेंगी।
पहले से ही था आभास
झारखंड भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जब नीतीश कुमार लालू यादव के साथ मिल गए थे, तभी लग रहा था कि यह संबंध ज्यादा नहीं चल पाएगा और आज यह साबित हुआ क्योंकि नीतीश कुमार और लालू यादव की देश में अलग-अलग पहचान है। एक नॉर्थ पोल तो दूसरा साउथ पोल है। दरवाज़ा जो बंद होता है वह खुलता भी है। वहीं भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने इस्तीफा देने का जो निर्णय लिया, उसका हम स्वागत करते हैं। मुझे मालूम था कि आरजेडी-जेडीयू का अस्वाभाविक गठबंधन है। भाजपा और जेडीयू मिलकर बिहार में सरकार बनाएगी।
दिसंबर से ही लग रहा था तय
भाजपा नेता संजय जायसवाल ने कहा कि जिस तरह से दिसंबर में परिस्थितियां बन रही थीं, उससे बिहार बंगाल के समान हो जाता जहां हर व्यक्ति को डर के साये में जीना पड़ता। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने बिहार के हित में निर्णय किया है।
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