कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान में मारे गए लोगों के लिए कोलंबिया द्वारा जताई गई संवेदना पर अपनी निराशा व्यक्त की है। ऑपरेशन सिंदूर भारत द्वारा पाकिस्तान समर्थित आतंकी शिविरों पर की गई एक सटीक सैन्य कार्रवाई थी, जिसके बाद पाकिस्तान में कथित तौर पर 100 से अधिक आतंकवादियों की मौत हुई थी। शशि थरूर पाकिस्तान की करतूतों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उजागर करने के लिए भारत के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनकर कोलंबिया गए थे। वहां की सरकार के इस बयान पर खुलकर अपनी असहमति जताई। उन्होंने कहा कि कोलंबिया सरकार शायद उस स्थिति को पूरी तरह से समझ नहीं पाई, जब उन्होंने आतंकवाद के पीडि़तों के बजाय भारतीय हमलों से पाकिस्तान में जानमाल के नुकसान पर संवेदना व्यक्त की।
च कोई नैतिक समानता नहीं हो सकती
थरूर ने स्पष्ट किया कि आतंकवादियों को भेजने वालों और उनका मुकाबला करने वालों के बीच कोई नैतिक समानता नहीं हो सकती। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत केवल आत्मरक्षा का अधिकार निभा रहा है। थरूर ने यह भी बताया कि भारत के पास पहलगाम हमले के पर्याप्त और ठोस सबूत हैं, जिसकी जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट नाम के एक आतंकी संगठन ने ली थी, जो पाकिस्तान के मुरिदके में लश्कर-ए-तैयबा की एक इकाई है।
कोलंबिया ने भी कई आतंकवादी हमलों का सामना किया
उन्होंने कोलंबियाई अधिकारियों से आतंकवादियों को शरण देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आह्वान किया। थरूर ने याद दिलाया कि कोलंबिया ने भी कई आतंकवादी हमलों का सामना किया है, ठीक वैसे ही जैसे भारत ने लगभग चार दशकों में बड़ी संख्या में हमलों का सामना किया है। शशि थरूर की यह टिप्पणी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद के प्रति स्पष्ट रुख अपनाने और आतंकवादियों और उनके प्रायोजकों के प्रति किसी भी सहानुभूति से बचने का आग्रह करती है। उनकी निराशा भारत की उस व्यापक कूटनीतिक रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत वह पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद को वैश्विक स्तर पर बेनकाब करना चाहता है।