भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने उत्तर भारत के कई हिस्सों के लिए कड़ाके की ठंड और शीत लहर की गंभीर चेतावनी जारी की है। इस खबर ने लोगों को एक बार फिर ठंड से बचाव की तैयारियों में जुटने के लिए मजबूर कर दिया है। आने वाले दिनों में तापमान सामान्य से काफी नीचे बने रहने की आशंका है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो सकता है।
उत्तरी राज्यों जैसे पंजाब, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ इलाकों में पारा तेजी से गिरा है। कई जगहों पर न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे दर्ज किया जा सकता है। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार ठंड की तीव्रता अधिक होने का अनुमान है, जिससे लोगों को अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
शीत लहर वह स्थिति होती है जब तापमान एक निश्चित सीमा से नीचे गिर जाता है और हवा की ठंडक बढ़ जाती है। IMD के अनुसार, घने कोहरे (Dense Fog) की वजह से दृश्यता (Visibility) में भी भारी कमी आएगी, जिससे सड़क, रेल और हवाई यातायात प्रभावित हो सकता है। यह स्थिति खासकर सुबह और रात के समय अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकती है, जिससे आवागमन में देरी हो सकती है।
स्वास्थ्य और सुरक्षा संबंधी निर्देश
ठंड के इस बढ़ते प्रकोप को देखते हुए प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित रहने की अपील की है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ सलाह दे रहे हैं कि लोग खुद को गर्म कपड़ों से अच्छी तरह ढक कर रखें, विशेष रूप से बुजुर्गों, बच्चों और बीमार व्यक्तियों का खास ध्यान रखें। पोषण युक्त आहार और गर्म पेय का सेवन करने की सलाह भी दी गई है ताकि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे और बीमारियों से बचा जा सके। हाइपोथर्मिया (Hypothermia) और फ्रॉस्टबाइट (Frostbite) जैसी स्थितियों से बचने के लिए खास एहतियात बरतनी होगी, खासकर हृदय रोग और श्वास संबंधी समस्याओं से जूझ रहे मरीजों को ठंड के सीधे संपर्क से बचने की सख्त सलाह दी गई है।
किसानों के लिए सलाह
यह शीत लहर किसानों की फसलों को भी प्रभावित कर सकती है। कृषि विभाग ने आवश्यक दिशानिर्देश जारी किए हैं। गेहूं और सरसों जैसी फसलों के लिए यह तापमान अनुकूल हो सकता है, लेकिन अत्यधिक पाला (Frost) पड़ने की स्थिति में नुकसान भी हो सकता है। किसानों को खेतों में हल्की सिंचाई करने की सलाह दी गई है, क्योंकि नमी से पाले का असर कम होता है।
मौसम विभाग लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और लोगों से अनुरोध किया गया है कि वे IMD की आधिकारिक सलाहों को नियमित रूप से जांचते रहें। उत्तर भारत को आने वाले कुछ दिनों तक सख्त ठंड का सामना करना पड़ सकता है, जिसके लिए सभी को ठोस उपाय करने की आवश्यकता है।


