छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय अब भी अपनी जड़ों से जुड़े हुए हैं। यही वजह है कि वे अपने संगी-साथियों, शिक्षकों और बुजुर्गों को कभी नहीं भूलते। जब भी मौका मिलता है, उनसे जरूर मिलते हैं। ऐसा ही कुछ हुआ जब उन्होंने अपने बचपन के स्कूली शिक्षक राजेश्वर पाठक से मुलाकात की। सीएम साय उन्हें देखकर भाव विभोर हो गए। उन्होंने अपने स्कूल के दिनों को याद किया और अपने शिक्षक के चरण स्पर्श कर अभिवादन किया। मुख्यमंत्री ने उन्हें शाल व श्रीफल भेंट कर सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुजनों का ही आशीर्वाद है कि मैं यहां तक पहुंच पाया हूँ। उन्होंने अपने शिक्षक से फिर से आशीर्वाद मांगा और उनके शिक्षक ने भी पूरे दिल से आशीर्वाद देकर उन पर नाज जताया।
प्रतिभावान, आज्ञाकारी और विनम्र थे साय
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को स्कूल पढ़ाने वाले 94 वर्षीय शिक्षक राजेश्वर पाठक ने बताया कि जब वे लोयला उच्चतर माध्यमिक शाला कुनकुरी में पढ़ाया करते थे। तब मुख्यमंत्री साय छात्र हुआ करते थे। पाठक ने बताया कि वे बचपन से ही बहुत प्रतिभावान, आज्ञाकारी और विनम्र स्वाभाव के थे। सौम्यता और सरलता उनकी विशिष्ट पहचान थी। जब वे सांसद थे, तब भी और मुख्यमंत्री बनने के बाद भी। शिक्षक ने बताया कि जब भी वे मिले तो उनमें वही विनम्रता और वही सम्मान का भाव दिखा जो अद्भुत है।