महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने बहुप्रतीक्षित ‘सिंदूर ब्रिज’ का उद्घाटन किया। यह नया पुल शहर की बुनियादी ढांचे के लिए एक महत्वपूर्ण है और इसने पुराने और क्षतिग्रस्त कर्नाक ब्रिज का स्थान लिया है, जिसे सुरक्षा कारणों से गिरा दिया गया था। फडणवीस ने कहा, “आज ‘सिंदूर ब्रिज’ का उद्घाटन किया है, यहां पर बहुत पुराना कर्नाक ब्रिज हुआ करता था जो क्षतिग्रस्त था जिसे गिराकर ये नया ब्रिज बनाया गया है। इसका नाम ‘सिंदूर ब्रिज’ इसलिए किया क्योंकि कर्नाक ब्रिटिश गर्वनर थे उन्होंने हिंदुस्तानियों पर बहुत अत्याचार किया। इसलिए इसका नाम बदलकर हमने इसका नाम सिंदूर ब्रिज तय किया क्योंकि हम जानते हैं कि ऑपरेशन सिंदूर भारतवासियों के मन में बसा हुआ ऑपरेशन है। मैं बृहन्मुंबई नगर निगम को धन्यवाद करना चाहता हूं क्योंकि उन्होंने रिकॉर्ड समय में इस ब्रिज को पूरा किया है।”
‘सिंदूर ब्रिज’ का निर्माण कार्य तेजी से पूरा किया गया है, ताकि मुंबईवासियों को यातायात की समस्या से जल्द राहत मिल सके। मुख्यमंत्री फडणवीस ने उद्घाटन समारोह में पुल के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह मुंबई के शहरी विकास में एक नया अध्याय जोड़ेगा और लाखों दैनिक यात्रियों के लिए आवागमन को सुगम बनाएगा। उन्होंने इस परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए संबंधित अधिकारियों और निर्माण एजेंसियों की सराहना भी की।
पुराना कर्नाक ब्रिज, जो दशकों से शहर का एक अभिन्न अंग था, अपनी उम्र के कारण जर्जर हो गया था और लगातार मरम्मत की मांग कर रहा था। उसकी खराब स्थिति के कारण यातायात सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई थीं, जिसके बाद इसे गिराने का निर्णय लिया गया था। ‘सिंदूर ब्रिज’ को आधुनिक इंजीनियरिंग मानकों और नवीनतम तकनीकों का उपयोग करके बनाया गया है, जो इसे अधिक मजबूत और सुरक्षित बनाता है। यह पुल विशेष रूप से भारी यातायात को संभालने और भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
नया ब्रिज मुंबई के पूर्वी और पश्चिमी उपनगरों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिससे यात्रा का समय कम होगा और भीड़भाड़ में कमी आएगी। यह क्षेत्र में व्यापार और वाणिज्य को भी बढ़ावा देगा। मुख्यमंत्री ने मुंबई के लोगों से अपील की कि वे इस नए बुनियादी ढांचे का लाभ उठाएं और यातायात नियमों का पालन करें ताकि सुगम आवागमन सुनिश्चित हो सके।
‘सिंदूर ब्रिज’ का उद्घाटन मुंबई के बढ़ते शहरी परिदृश्य में एक और मील का पत्थर है, जो शहर के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।