तिब्बती एक्सपर्ट्स ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास चीन द्वारा बिछाए जा रहे नई रेलवे लाइन और हाइवे प्रोजेक्ट पर भारत को आगाह किया है। तिब्बत पॉलिसी इंस्टीट्यूट के रिसर्च स्कॉलर त्सेवांग दोर्जी के अनुसार, हालिया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद चीन सतर्क हो गया है और पश्चिमी सेक्टर में अपनी रणनीतिक गतिविधियाँ तेज कर रहा है।
चीन की साजिश के दो पहलू:
- सैन्य लाभ:
- चीन लद्दाख, हिमाचल और उत्तराखंड से सटी सीमा के पास नाग्चु और न्गारी के बीच एक हाइवे के साथ-साथ एक नई रेलवे लाइन का निर्माण कर रहा है।
- एक्सपर्ट का कहना है कि इन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का मुख्य मकसद पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (PLA) की आवाजाही को सुगम बनाना है, जिससे तनाव या संघर्ष की स्थिति में चीन को सैन्य लाभ मिल सके।
- प्राकृतिक संसाधनों का दोहन:
- सुरक्षा के अलावा, यह रेलवे लाइन चीन को तिब्बत में मौजूद यूरेनियम और लिथियम जैसे विशाल प्राकृतिक संसाधनों के दोहन में भी मदद करेगी।
- ये खनिज वैश्विक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और उन्नत प्रौद्योगिकी के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं, जो चीन की भू-राजनीतिक शक्ति को बढ़ा सकते हैं।
भारत के लिए चेतावनी:
तिब्बती एक्सपर्ट्स की यह हिदायत बताती है कि चीन अब केवल पूर्वी सेक्टर (अरुणाचल) ही नहीं, बल्कि पश्चिमी सेक्टर (लद्दाख, हिमाचल, उत्तराखंड) पर भी तेजी से ध्यान केंद्रित कर रहा है। भारत को चीन की इस विस्तारवादी नीति का मुकाबला करने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में अपनी रक्षा और निगरानी प्रणाली को और मजबूत करने की सख्त आवश्यकता है।