चालबाज चीन की नजर इन दिनों ताइवान पर है। वैसे तो कई सालों से वह ताइवान को हड़प लेना चाहता है, लेकिन उसके इन इरादों के खिलाफ दुनिया खड़ी हुई है। अमेरिका जहां ताइवान की मदद कर रहा है, तो भारत भी ताइवान से हमदर्दी रखता है और उससे व्यापारिक रिश्ते प्रगाढ़ हुए हैं। अब ड्रेगन को लगता है कि वह ताइवान पर हमला कर उसे चीन में मिला ले। इसके लिए चीन ताइवान के खिलाफ युद्धाभ्यास कर रहा है। अब तक चीन ने कोई मिसाइल ताइवान पर नहीं दागी है, लेकिन चीनी मीडिया युद्धाभ्यास के वीडियो जारी कर ताइवान को डराने का प्रयास कर रहा है। चीन का प्रयास है कि वह ताइवान के नए राष्ट्रपति को डराए, लेकिन ताइवान पूरी तरह से चीन के खिलाफ डटा हुआ है। चीन ने अब तक ताइवान को चारों तरफ से घेरकर 27 युद्धपोत और 62 युद्धक विमान सीमा पर तैनात किए हैं।
ऐसे प्रोपेंगेंडा फैला रहा चीन
चीन की सेना ने लंबे समय से कोई युद्ध नहीं लड़ा है। उसका आखिरी युद्ध 1962 में भारत के खिलाफ था। ऐसे में ड्रेगन ने सेना भले ही दुनिया में सबसे बड़ी बना ली हो, लेकिन यह डर उसे सताए जा रहा है। यही वजह है कि चीन का मीडिया ऐसे वीडियो वायरल कर रहा है, जिससे लगे कि वह ताइवान पर हमला कर रहा है। एक वीडियो में 25 से ज्यादा रॉकेट गिरते हुए दिखाए गए हैं, जबकि एक वीडियो में दर्जनों मिसाइल दागते हुए दिखाया गया है।
चीन की यह सिर्फ गीदड़भभकी
हालांकि चीन की यह सिर्फ गीदड़भभकी ही हैं, क्योंकि अब वह ताइवान की सीमा पर तो है, लेकिन कोई मिसाइल या रॉकेट उसने नहीं दागा है। चीन दिखाना चाहता है कि वह युद्ध के लिए तैयार है, लेकिन ताइवान के पीछे खड़े अमेरिका के कारण वह डर रहा है। यही कारण है कि चीन का सरकारी मीडिया प्रोपेगेंडा फैलाने का प्रयास कर रहा हैञ