अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जॉन बोल्टन ने कहा है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ‘दोस्ती’ खत्म हो गई है। उन्होंने दुनिया के अन्य देशों को इस घटना से सबक लेने की नसीहत दी है।
ट्रंप प्रशासन की आलोचना
बोल्टन ने आरोप लगाया कि ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका-भारत संबंधों को दशकों पीछे धकेल दिया है। उनके अनुसार, ट्रंप की नीतियों ने प्रधानमंत्री मोदी को रूस और चीन के करीब जाने के लिए मजबूर किया। उन्होंने कहा कि चीन ने खुद को अमेरिका और ट्रंप के विकल्प के रूप में पेश किया है।
भारत की बदलती विदेश नीति
बोल्टन ने कहा कि भारत ने अपनी विदेश नीति को संतुलित करने की कोशिश की है, लेकिन ट्रंप के “अमेरिका फर्स्ट” दृष्टिकोण ने भारत जैसे देशों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि उन्हें अपने हितों की रक्षा के लिए अन्य विकल्प तलाशने चाहिए। उन्होंने कहा कि इसी कारण भारत ने रूस और चीन के साथ अपने संबंधों को मजबूत किया है।
बोल्टन के ये बयान ऐसे समय में आए हैं जब अमेरिका और भारत दोनों ही चीन के बढ़ते प्रभाव को लेकर चिंतित हैं। भारत, अमेरिका के साथ मिलकर “क्वाड” (QUAD) जैसे समूहों में काम कर रहा है ताकि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता बनी रहे।
राजनयिक संबंधों का महत्व
बोल्टन ने यह भी कहा कि अमेरिका को अपने पारंपरिक सहयोगियों के साथ मिलकर काम करना चाहिए और उन्हें अलग-थलग नहीं करना चाहिए। उनका कहना था कि यदि अमेरिका अपने पुराने सहयोगियों के साथ संबंध खराब करता है, तो वे रूस और चीन जैसे देशों के करीब चले जाएंगे।