उत्तराखंड में मानसून के दस्तक के साथ ही मौसम का कहर शुरू हो गया है। प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाओं को देखते हुए रविवार को चारधाम यात्रा को अगले 24 घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया है। यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह निर्णय लिया गया है। गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने बताया कि हरिद्वार और ऋषिकेश सहित विभिन्न प्रवेश द्वारों पर यात्रियों को रोक दिया गया है।
सबसे अधिक असर उत्तरकाशी जिले में देखने को मिल रहा है, जहां देर रात यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बड़कोट क्षेत्र में पालीगाड़ और ओजरी डाबरकोट के बीच सिलाई बैंड के पास बादल फटने की घटना हुई है। इस घटना में निर्माणाधीन होटल में काम कर रहे आठ से नौ मजदूर लापता बताए जा रहे हैं, जिनके बचाव कार्य जारी हैं। बादल फटने से यमुनोत्री हाईवे कई स्थानों पर अवरुद्ध हो गया है, जिससे सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु रास्ते में फंसे हुए हैं। सड़क पर भारी मलबा और बोल्डर आ जाने से यातायात पूरी तरह ठप हो गया है।
मौसम विभाग ने देहरादून, नैनीताल, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जैसे जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनता से सतर्क रहने और अगले 24 घंटों तक अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है।
लगातार बारिश के कारण नदियां और नाले उफान पर हैं, जिससे निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। प्रशासन ने सभी संबंधित जिलों को हाई अलर्ट पर रखा है और राहत-बचाव टीमों को सक्रिय कर दिया गया है। हाईवे को खोलने के लिए मशीनों की मदद से मलबा हटाने का काम तेजी से जारी है, लेकिन लगातार बारिश और भूस्खलन इसमें बाधा डाल रहे हैं। यह स्थिति चारधाम यात्रियों के साथ-साथ स्थानीय जनजीवन को भी बुरी तरह प्रभावित कर रही है।