उत्तराखंड में चारधाम यात्रा आज से शुरू हो गई है। अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर चारधाम यात्रा का प्रथम पड़ाव, यमुना के पवित्र धाम श्री यमुनोत्री के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। वैदिक मंत्रोच्चार और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ, सुबह 11.55 बजे मंदिर के द्वार भक्तों के दर्शन के लिए खुले। इस शुभ घड़ी के साक्षी बनने के लिए हजारों श्रद्धालु यमुनोत्री धाम पहुंचे थे। कपाट खुलने के साथ ही जय मां यमुना के जयकारों से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो उठा। भक्तों ने मां यमुना के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया और अपनी चारधाम यात्रा की मंगलमय शुरुआत की।
समुद्र तल से 3,293 मीटर की ऊंचाई पर स्थित
यमुनोत्री मंदिर समुद्र तल से लगभग 3,293 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। यह यमुना नदी का उद्गम स्थल भी माना जाता है। हर साल अक्षय तृतीया के दिन मंदिर के कपाट खुलते हैं और भैया दूज के दिन शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाते हैं। कपाट खुलने की प्रक्रिया में डोली यात्रा का भी महत्वपूर्ण स्थान होता है। मां यमुना की डोली को उनके शीतकालीन प्रवास खरसाली गांव से फूलों और पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ यमुनोत्री धाम लाया जाता है। इस यात्रा में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और श्रद्धालु शामिल होते हैं।
प्रशासन ने की व्यापक सुविधाएं
इस वर्ष शासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए व्यापक व्यवस्थाएं की हैं। यात्रा मार्ग पर पर्याप्त संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं और स्वास्थ्य सुविधाओं का भी उचित प्रबंध किया गया है। श्रद्धालुओं को मौसम के अनुसार कपड़े और आवश्यक सामग्री साथ रखने की सलाह दी गई है। मुनोत्री के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का विधिवत शुभारंभ हो गया है। अब श्रद्धालु बद्रीनाथ, केदारनाथ और गंगोत्री धाम की यात्रा के लिए भी उत्साहित हैं। यह यात्रा न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत का भी अनुभव कराती है।