आज से संसद सत्र शुरू हो रहा है। प्रोटेम स्पीकर को लेकर पहले तो विपक्ष और सरकार में जमकर तकरार हुई, लेकिन इसके बाद भी विपक्ष बवाल करने पर उतारू है। इंडिया गठबंधन के नेताओं ने संसद परिसर में संविधान की प्रति लेकर विरोध प्रदर्शन किया। वहीं पीएम मोदी ने 25 जून की याद दिलाकर कांग्रेस के जख्मों पर नमक छिडक़ा।
संविधान के लिए 25 जून है काला दिवस : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कल 25 जून है। जो लोग इस देश के संविधान की गरिमा से समर्पित हैं, जो लोग भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं पर निष्ठा रखते हैं, उनके लिए 25 जून न भूलने वाला दिवस है। 25 जून को भारत के लोकतंत्र पर जो काला धब्बा लगा था, उसके 50 वर्ष हो रहे हैं। भारत की नई पीढ़ी ये कभी नहीं भूलेगी कि संविधान को पूरी तरह नकार दिया गया था, भारत को जेलखाना बना दिया गया था, लोकतंत्र को पूरी तरह दबोच दिया गया था। इमरजेंसी के ये 50 साल इस संकल्प के हैं कि हम गौरव के साथ हमारे संविधान की रक्षा करते हुए भारत के लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करते हुए देशवासी ये संकल्प करेंगे कि भारत में फिर कभी कोई ऐसी हिम्मत नहीं करेगा, जो 50 साल पहले की गई थी और लोकतंत्र पर काला धब्बा लगा दिया गया था।
महात्मा गांधी तक की प्रतिमा हटा दी : कांग्रेस
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि इंडिया गठबंधन नई संसद के युग की शुरुआत कर रहा है। महात्मा गांधी पूरे देश के लिए एक मार्गदर्शक प्रकाश हैं। जिस तरह से भाजपा ने महात्मा गांधी की मूर्ति को हटाया, वह अस्वीकार्य है। महात्मा गांधी की मूर्ति को एक कोने में ले जाने के इस फैसले से लोकतंत्र की हत्या करने की भाजपा की मंशा झलक रही है। फिर भी, हमने इसी संविधान के साथ चुनाव लड़ा था। देश के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि एक महान भविष्य के लिए संविधान को बनाए रखा जाए। जिस तरह से भाजपा ने संविधान को बदलने की कोशिश की, उसे भारत के लोगों ने रोक दिया है। हम शपथ ग्रहण के लिए संसद जाने से पहले संविधान को थामे हुए हैं। हम यह संदेश दे रहे हैं कि संविधान महत्वपूर्ण है।