हमारा पड़ोसी देश नेपाल 2006 तक दुनिया का एकमात्र हिंदू राष्ट्र था, लेकिन बाद में यहां हुए आंदोलनों के कारण सत्ता परिवर्तन हुआ और राजशाही की विदाई के साथ प्रजातांत्रिक सरकार बन गई। अब एक बार फिर यहां राजशाही के समर्थन में आवाज उठ रही है तो हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग भी हो रही है। इस बीच नेपाल में उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चर्चा भी तेज हो गई है। नेपाल की राजधानी काठमांडू की सडक़ों पर उतरे हजारों की संख्या में लोगों ने योगी की तस्वीर वाले पोस्टर लहराए। ये समर्थक देश के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह के थे और देश में राजशाही की वापसी के साथ ही हिंदू राष्ट्र की मांग कर रहे थे। नेपाल में उन्होंने राजा के साथ ही योगी की तस्वीर लहराते हुए नारे लगाए।
बदल रही राजनीतिक फिजा
उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे नेपाल की राजनीति बदली-बदली सी नजर आ रही है। यहां हिंदू राजशाही के पक्ष में बड़ी तादाद में लोग खड़े हो गए हैं। माना जाता है कि चीन समर्थक माओवादी आंदोलन ने 2006 में राजा ज्ञानेंद्र का शासन खत्म कर दिया था और इसके बाद नेपाल में वामपंथियों का राज हो गया। पुष्प कमल दहल प्रचंड के बाद केपी शर्मा ओली ने नेपाल की कमान संभाली। अब नेपाल को फिर से हिंदू राष्ट्र बनाने को लेकर ज्ञानेंद्र शाह काफी समय से नेपाल के अलग-अलग इलाकों में मुहिम आगे बढ़ा रहे हैं। इससे पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह ने जनवरी महीने में उत्तर प्रदेश की यात्रा की थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की थी। पूर्व राजा ज्ञानेंद्र की तस्वीर और राष्ट्रीय ध्वज के साथ ही योगी की तस्वीर भी लेकर नेपाल के युवाओं ने मोटरसाइकिल पर प्रदर्शन किया। हालांकि योगी की तस्वीर के इस्तेमाल पर प्रधानमंत्री केपी ओली ने आलोचना की है।