आगामी त्योहारी सीजन में भारतीय अर्थव्यवस्था में एक बड़ा उछाल देखने को मिल सकता है। इसका मुख्य कारण वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में संभावित बदलाव और बढ़ती घरेलू मांग है। सरकार द्वारा जीएसटी दरों में कटौती के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है, जिससे कई दैनिक उपयोग की वस्तुएं और सेवाएं सस्ती हो जाएंगी।
माना जा रहा है कि जीएसटी काउंसिल की बैठक में 12% और 28% के मौजूदा स्लैब को 5% और 18% के स्लैब में बदलने का निर्णय लिया जा सकता है। इस कदम से लगभग 90% वस्तुएं जो पहले 28% स्लैब में थीं, वे 18% में आ जाएंगी। इसके परिणामस्वरूप टीवी, फ्रिज, एसी और मोबाइल जैसे इलेक्ट्रॉनिक सामानों के साथ-साथ सीमेंट जैसी निर्माण सामग्री भी सस्ती हो जाएगी।
जीएसटी में कटौती से उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ कम होगा, जिससे वे खरीदारी के लिए प्रेरित होंगे। इसके अलावा, वेतन वृद्धि और नौकरियों के बेहतर अवसर भी घरेलू मांग को बढ़ावा दे रहे हैं। ये सभी कारक मिलकर अर्थव्यवस्था में एक नई जान फूंकने का काम करेंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि जीएसटी में कटौती से घरेलू मांग में ₹2.4 लाख करोड़ की वृद्धि हो सकती है, जिससे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 0.5-0.7% की वृद्धि होगी। यह भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा और इसे वैश्विक चुनौतियों से निपटने में मदद करेगा। इस तरह, आने वाला त्योहारी सीजन भारत के लिए आर्थिक विकास का एक सुनहरा अवसर बन सकता है।