एक अप्रैल 2025 से नया वित्त वर्ष शुरू हो गया है और बहुत से नियम बदल गए हैं। इनका असर आम जनता की रोजमर्रा की जिंदगी और वित्तीय लेन-देन पर पड़ेगा। एटीएम से नकद निकासी हो या फिर हाईवे पर टोल दरें और बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड, यूपीआई लेनदेन समेत तमाम नियमों में भी संशोधन देखने को मिलेगा। वहीं तेल विपणन कंपनियों ने भी वाणिज्यिक एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में कमी कर दी है। 19 किलोग्राम वाले वाणिज्यिक एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमत में 41 रुपये की कटौती की गई है। दिल्ली में 19 किलोग्राम वाले वाणिज्यिक एलपीजी सिलेंडर की खुदरा बिक्री कीमत आज से 1762 रुपये हो गई है।
एटीएम निकासी पर लगेगा शुल्क
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एटीएम से नकदी निकासी पर लगने वाले शुल्क में बढ़ोतरी की है। एटीएम से फ्री लिमिट के बाद कैश विथड्रॉल पर लगने वाला शुल्क 21 से बढक़र 23 रुपए हो जाएगा। वहीं नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने 1 अप्रैल से देशभर के कई नेशनल हाईवे पर टोल टैक्स की दरों में बढ़ोतरी की है। टोल टैक्स में लगभग 5-10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। यह बढ़ोतरी विभिन्न राजमार्गों और वाहनों के प्रकारों के अनुसार अलग-अलग है।
नए वित्तीय वर्ष में नए टैक्स स्लैब के तहत 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले व्यक्तियों को टैक्स में छूट दी जाएगी। वेतनभोगी कर्मचारी 75,000 के मानक कटौती के लिए पात्र होंगे। इसका मतलब है कि 12.75 लाख रुपये तक की वेतन आय अब टैक्स से मुक्त होगी। हालांकि यह छूट केवल उन लोगों पर लागू होती है जो नए कर विकल्प को चुनते हैं।
मिनिमम बैलेंस जरूरी
कुछ बैंकों ने न्यूनतम बैलेंस की राशि में भी बदलाव किए हैं, जिसके कारण खातों में मिनिमम बैलेन्स न होने पर पेनाल्टी लगेगी। कई वाहन निर्माता कंपनियों ने अपनी कारों की कीमतों में भी बढ़ोतरी की है। यूपीआई से जुड़े बंद पड़े मोबाइल नंबरों को हटाने के निर्देश दिए हैं। उत्तर प्रदेश में 1 अप्रैल से 10 हजार से लेकर 25 हजार रुपये के फिजिकल स्टांप पेपर को बंद कर दिया गया है। ये बदलाव आम आदमी के जीवन पर कई तरह से प्रभाव डालेंगे।