अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने क्रिकेट के भविष्य को लेकर दो बड़े और महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। एक ओर जहां टेस्ट क्रिकेट को अधिक प्रासंगिक और प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए दो-स्तरीय प्रणाली पर विचार करने के लिए एक कार्य समिति का गठन किया गया है, वहीं दूसरी ओर लोकप्रिय चैंपियंस लीग टी20 (CLT20) टूर्नामेंट अगले साल से फिर से शुरू होने के लिए तैयार है।
दो-स्तरीय टेस्ट प्रणाली: क्या बदलेगा टेस्ट क्रिकेट?
आईसीसी ने टेस्ट क्रिकेट के भविष्य पर गहन विचार-विमर्श करने के लिए एक आठ सदस्यीय कार्य समूह का गठन किया है। इस समूह की अध्यक्षता ICC के नए मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) संजीव गुप्ता करेंगे। इस दो-स्तरीय प्रणाली का मुख्य उद्देश्य शीर्ष या बड़ी टीमों को एक-दूसरे के खिलाफ अधिक नियमित रूप से खेलने का अवसर देना है, जिससे टेस्ट क्रिकेट की प्रतिस्पर्धा और व्यावसायिक मूल्य बढ़ सके।
वर्तमान में, विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) में नौ टीमें प्रतिस्पर्धा करती हैं। प्रस्तावित प्रणाली के तहत, यह संरचना छह टीमों के दो डिवीजनों में बदल सकती है, जिसमें पदोन्नति और पदावनति (promotion and relegation) का एक तंत्र शामिल होगा। यानी, निचली श्रेणी की टीमें बेहतर प्रदर्शन करके शीर्ष श्रेणी में आ सकेंगी और इसके विपरीत भी हो सकता है। यह विचार पुराना है, लेकिन क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (CA) और इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) इसके बड़े पैरोकार रहे हैं। यह कार्य समिति इस साल के अंत तक बोर्ड को अपनी सिफारिशें सौंपेगी। यदि इसे लागू किया जाता है, तो यह बदलाव 2027 से 2029 तक चलने वाले अगले WTC चक्र से शुरू हो सकता है।
चैंपियंस लीग टी20 की वापसी: सितंबर 2026 से फिर दिखेगा एक्शन
एक दशक पहले वित्तीय कारणों से बंद हो चुकी चैंपियंस लीग टी20 (CLT20) अब वापसी करने के लिए पूरी तरह तैयार है। ऑस्ट्रेलिया के ‘द सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, ICC की सिंगापुर में हुई वार्षिक बैठक में प्रमुख क्रिकेट बोर्डों ने इस टूर्नामेंट को फिर से शुरू करने का समर्थन किया है। उम्मीद है कि यह टूर्नामेंट सितंबर 2026 से फिर शुरू हो सकता है।
CLT20 को क्रिकेट के UEFA चैंपियंस लीग के रूप में देखा जाता था, जहाँ दुनिया भर की प्रमुख घरेलू टी20 लीग (जैसे IPL, BBL, PSL, SA20, The Hundred) की चैंपियन टीमें आपस में भिड़ती थीं। इस टूर्नामेंट की वापसी से घरेलू टी20 लीगों के महत्व में वृद्धि होगी और फैंस को एक और बड़ा ग्लोबल टी20 इवेंट देखने को मिलेगा। हालांकि, खिलाड़ियों की उपलब्धता और विभिन्न लीगों के बीच वित्तीय वितरण जैसे कुछ चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं, जिन्हें ICC और संबंधित बोर्डों को सुलझाना होगा।
इन दोनों फैसलों से साफ है कि ICC क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप (टेस्ट) को प्रासंगिक बनाए रखने और सबसे छोटे प्रारूप (टी20) की बढ़ती लोकप्रियता का लाभ उठाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।