भारत की अगली दशकीय जनगणना, ‘जनगणना 2027’ के लिए औपचारिक अधिसूचना जारी कर दी गई है। यह सर्वेक्षण देश की जनसंख्या, सामाजिक-आर्थिक स्थिति और जनसांख्यिकीय परिवर्तनों का एक व्यापक चित्र प्रस्तुत करेगा। गृह मंत्रालय के महापंजीयक और जनगणना आयुक्त कार्यालय द्वारा जारी अधिसूचना में सर्वेक्षण के विभिन्न पहलुओं और नई विशेषताओं पर प्रकाश डाला गया है। जनगणना 2027 देश की भविष्य की नीतियों और विकास योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण डेटा प्रदान करेगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा करते हुए कहा कि जनगणना 2027 में होगी और इसे 2 चरणों में कराई जाएगी। इसके लिए लोगों से हर स्तर पर जानकारी ली जाएगी। मोबाइल एप्लीकेशन का उपयोग करते हुए यह डिजिटल माध्यम से कराई जाएगी। सरकार को उम्मीद है कि डिजिटल दृष्टिकोण इस विशाल अभ्यास को अधिक कुशल और सटीक बनाएगा।
जनगणना 2027 की 10 बड़ी बातें
- डिजिटल-फर्स्ट जनगणना: यह भारत की पहली पूरी तरह से डिजिटल जनगणना होगी। डेटा संग्रह मुख्य रूप से मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से किया जाएगा, जिससे सटीकता बढ़ेगी और प्रक्रिया तेज होगी।
- चरणबद्ध प्रक्रिया: जनगणना दो मुख्य चरणों में आयोजित की जाएगी – पहला, मकान सूचीकरण और दूसरा, जनसंख्या गणना।
- आधार और अन्य डेटा का एकीकरण: कुछ हद तक, आधार संख्या और अन्य सरकारी डेटाबेस से प्राप्त जानकारी को क्रॉस-रेफरेंस किया जा सकता है ताकि डेटा की प्रामाणिकता सुनिश्चित हो सके। हालांकि, निजता का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
- स्व-गणना विकल्प: नागरिकों को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से अपनी जानकारी स्वयं दर्ज करने का विकल्प भी दिया जाएगा, जिससे डेटा संग्रह में सहभागिता बढ़ेगी।
- विस्तारित प्रश्नसूची: इस बार प्रश्नसूची में कुछ नए प्रश्न शामिल किए जा सकते हैं, जो सामाजिक-आर्थिक संकेतकों और सरकारी योजनाओं के प्रभाव को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेंगे।
- ट्रांसजेंडर समुदाय पर विशेष ध्यान: ट्रांसजेंडर आबादी की गणना और उनके सामाजिक-आर्थिक डेटा को इकट्ठा करने पर विशेष जोर दिया जाएगा।
- प्रवासी श्रमिकों का डेटा: प्रवासी श्रमिकों और उनके परिवारों से संबंधित विस्तृत डेटा एकत्र किया जाएगा, जिससे उनके कल्याण के लिए बेहतर नीतियां बनाई जा सकें।
- प्रशिक्षित गणनाकर्मी: डेटा की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए लाखों गणनाकर्मियों को विशेष डिजिटल प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- बहुभाषी समर्थन: जनगणना एप्लिकेशन और प्रश्नावली कई क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध होंगी ताकि सभी वर्गों के लोग आसानी से भाग ले सकें।
- डेटा सुरक्षा और गोपनीयता: एकत्रित किए गए डेटा की सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए कड़े सुरक्षा प्रोटोकॉल और कानूनी प्रावधान लागू किए जाएंगे।