चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने हाल ही में पाकिस्तान के साथ हुए सैन्य टकराव के दौरान भारतीय वायुसेना को हुए प्रारंभिक नुकसान को स्वीकार किया है। हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि फाइटर जेट का नुकसान हुआ यह ज़रूरी नहीं है, बल्कि महत्वपूर्ण यह है कि ये नुकसान क्यों हुए और उन्हें कैसे सुधारा गया। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस मामले पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है।
सीडीएस अनिल चौहान का बयान
सिंगापुर में शांगरी-ला डायलॉग के इतर ब्लूमबर्ग टीवी को दिए एक इंटरव्यू में जनरल चौहान ने स्वीकार किया कि 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के शुरुआती चरणों में नुकसान हुए। उन्होंने पाकिस्तान के उन दावों को बिल्कुल गलत बताया कि उन्होंने छह भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराया था। सीडीएस ने कहा, महत्वपूर्ण यह नहीं है कि जेट नीचे गिरे, बल्कि यह है कि वे क्यों नीचे गिरे। क्या गलतियाँ की गईं – वे महत्वपूर्ण हैं। संख्याएँ महत्वपूर्ण नहीं हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय सशस्त्र बलों ने अपनी सामरिक गलतियों को तेजी से सुधारा और दो दिनों के बाद पाकिस्तानी क्षेत्र में फिर से उच्च-सटीक हमले किए।
खरगे ने संसद सत्र की मांग की
सीडीएस के इस बयान के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया और इस मुद्दे पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की। खरगे ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा, युद्ध का कोहरा अब छट रहा है। सीडीएस के बयान के बाद, कई महत्वपूर्ण सवाल उठते हैं, जिनका जवाब केवल संसद के विशेष सत्र में ही दिया जा सकता है। उन्होंने भारतीय वायुसेना के पायलटों की बहादुरी की सराहना करते हुए कहा कि हमें अपने रक्षा तैयारियों की व्यापक समीक्षा की आवश्यकता है। खरगे ने सरकार से कारगिल समीक्षा समिति की तर्ज पर एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति गठित करने की भी मांग की। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराने के बार-बार के दावों पर भी चिंता व्यक्त की।