केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने एक बड़े साइबर धोखाधड़ी रैकेट का पर्दाफाश किया है, जिसमें 111 फर्जी कंपनियों (शेल कंपनियों) का इस्तेमाल कर करीब ₹1000 करोड़ की वित्तीय धोखाधड़ी की गई थी। इस पूरे गोरखधंधे में चार चीनी नागरिकों की संलिप्तता सामने आई है, जिसका खुलासा सीबीआई की हालिया चार्जशीट में हुआ है।
धोखाधड़ी की इनसाइड स्टोरी
सीबीआई की जाँच के अनुसार, यह रैकेट भारत में बैठकर चीन से संचालित किया जा रहा था। इस घोटाले को अंजाम देने का तरीका बेहद शातिराना था:
- जालसाजों ने भारत में 111 से अधिक फर्जी कंपनियाँ बनाईं।
- इन कंपनियों का इस्तेमाल कर लोगों को साइबर धोखाधड़ी के माध्यम से निशाना बनाया गया।
- धोखे से हासिल किए गए ₹1000 करोड़ को हवाला के ज़रिए देश से बाहर चीन भेजा गया।
- सीबीआई ने जिन चार चीनी नागरिकों को चार्जशीट किया है, वे इस पूरे रैकेट के मुख्य सूत्रधार थे। ये लोग भारत में रहते हुए फर्जी कंपनियों के डायरेक्टर बन गए थे या उनसे जुड़े थे।
- इस रैकेट में भारतीय मोबाइल नंबरों के लिए अवैध तरीके से हासिल किए गए सिम कार्ड और फर्जी पहचान दस्तावेजों का भी जमकर इस्तेमाल किया गया था।
सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में कई भारतीय भी शामिल थे, जिनकी पहचान कर कार्रवाई की जा रही है। यह मामला भारत की वित्तीय सुरक्षा और साइबर अपराधों के अंतरराष्ट्रीय आयामों को उजागर करता है।


