भारत से पंगा लेने वाले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के दिन अब लदने वाले हैं। एक तो भारत से नाराजगी और दूसरे अमेरिका के होने वाले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकी के बाद ट्रूडो बेहद तनाव में थे। उन्होंने ट्रंप के सामने सफाई भी दी लेकिन वह भी काम नहीं आई। अब सुनने में आया है कि वह लिबरल पार्टी के नेता पद से इस्तीफा दे सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो ट्रूडो युग का अंत हो जाएगा।
पार्टी के अंदर था विद्रोह
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को लिबरल पार्टी के अंदर बड़े विद्रोह का सामना करना पड़ है। लगभग आधे से ज्यादा सांसद उन्हें हटाने की मांग कर रहे हैं। अधिकांश सर्वे भी इस साल होने वाले चुनाव में ट्रूडो के नेतृत्व में हार की संभावना जता रहे हैं। ऐसे में कंजरवेटिव पार्टी की जीत की उम्मीद जताई जा रही है। यानि ट्रूडो ने अपनी पार्टी का भी बेड़ागर्क कर दिया है।
पार्टी को बचाने के लिए ले सकते हैं फैसला
जस्टिस ट्रूडा अपनी और पार्टी को बदनामी से बचाने के लिए लिबरल कॉकस की बैठक से पहले इस्तीफा दे सकते हैं। हाल ही में ट्रूडा को एहसास हुआ है कि लिबरल कॉकस की बैठक से पहले उन्हें बयान देना होगा, ताकि ऐसा ना लगे कि उन्हें अपने ही सांसदों ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। ऐसे में वह अपनी इज्जत बचाने के लिए भी इस तरह के बहाने खोज रहे थे। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि लिबरल पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने ट्रूडो की जगह किसको देने का फैसला किया है। ऐसे में यह तय लग रहा है कि ट्रूडो अब ज्यादा दिन के मेहमान नहीं हैं और वह कभी भी इस्तीफा देकर अपनी करनी का फल भुगतते नजर आएंगे।