पंजाब में बहुप्रतीक्षित बेअदबी (Sacrilege) बिल को राज्य कैबिनेट ने आज अपनी बैठक में मंजूरी दे दी है। इस महत्वपूर्ण विधेयक को आज ही पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में पेश किया जाएगा। इस बिल का उद्देश्य धार्मिक ग्रंथों और पवित्र प्रतीकों के अपमान के मामलों में कड़ी सजा का प्रावधान करना है, जिससे पंजाब में बार-बार होने वाली बेअदबी की घटनाओं पर लगाम लगाई जा सके।
मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस बिल के मसौदे पर अंतिम मुहर लगी। सूत्रों के अनुसार, विधेयक में भारतीय दंड संहिता (IPC) और आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) में संशोधन का प्रस्ताव है, ताकि श्री गुरु ग्रंथ साहिब, भगवद गीता, कुरान शरीफ और बाइबिल जैसे पवित्र ग्रंथों के अपमान या नुकसान पहुँचाने के मामलों में आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान किया जा सके।
यह विधेयक पंजाब में लंबे समय से एक संवेदनशील मुद्दा रहा है। 2015 में फरीदकोट जिले के बरगाड़ी गांव में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटना के बाद से राज्य में कई विरोध प्रदर्शन और राजनीतिक उठा-पटक देखने को मिली है। विभिन्न धार्मिक और राजनीतिक संगठनों द्वारा लगातार यह मांग की जा रही थी कि बेअदबी के मामलों में दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिले।
सरकार का मानना है कि यह बिल धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले ऐसे कृत्यों को रोकने में मदद करेगा और समाज में शांति व सद्भाव बनाए रखने में सहायक होगा। बिल को विधानसभा में पेश करने से पहले, इसके कानूनी पहलुओं और संभावित प्रभावों पर गहन विचार-विमर्श किया गया है।
हालांकि, कुछ कानूनी विशेषज्ञों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने बिल के कुछ प्रावधानों पर चिंता व्यक्त की है, उनका मानना है कि इसका दुरुपयोग हो सकता है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर असर पड़ सकता है। इन चिंताओं के बावजूद, पंजाब में अधिकांश राजनीतिक दल और धार्मिक संगठन इस बिल का समर्थन कर रहे हैं, क्योंकि यह राज्य की धार्मिक संवेदनशीलता से जुड़ा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। आज विधानसभा के विशेष सत्र में इस बिल पर जोरदार बहस होने की उम्मीद है, लेकिन सरकार को उम्मीद है कि इसे सभी दलों का समर्थन मिलेगा और यह जल्द ही कानून का रूप ले लेगा।