पुणे के पोर्शे कांड में पुलिस ने आरोपी के परिवार के उस दावे को खारिज कर दिया है जिसमे कहा गया कि घटना के दिन कार उनका बेटा नहीं बल्कि ड्राइवर चला रहा था। पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने शुक्रवार को जानकारी दी कि 19 मई को बाइक से टकराने वाली पोर्शे कार चला रहा 17 वर्षीय लड़का पूरी होश में था। इस दुर्घटना में दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
परिवार और पुलिस का दृष्टिकोण:
लड़के के परिवार ने दावा किया था कि कार परिवार का ड्राइवर चला रहा था, लेकिन पुलिस जांच में यह साबित हो गया कि यह गलत था। कमिश्नर ने बताया कि आरोपी के परिवार ने यह दिखाने की कोशिश की थी कि लड़का गाड़ी नहीं चला रहा था।
फर्जीवाड़े पर कार्रवाई:
कमिश्नर अमितेश कुमार ने कहा कि उन लोगों के खिलाफ धारा 201 (साक्ष्य नष्ट करने) के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिन्होंने यह साबित करने की कोशिश की कि कार कोई और चला रहा था।
सीसीटीवी फुटेज:
सीसीटीवी फुटेज से यह पता चला कि आरोपी लड़का ही अपने घर से कार निकाल कर चला रहा था।यह दुर्घटना कल्याणी नगर में हुई, जिसमें दो युवा आईटी पेशेवर – अनीश अवधिया और उनकी मित्र अश्विनी कोश्टा की जान चली गई।
आरोपों का खंडन:
पुलिस कमिश्नर ने उन आरोपों को खारिज कर दिया कि लड़के को हिरासत में विशेष भोजन, जैसे पिज्जा और बर्गर, दिया गया। उन्होंने कहा कि यदि येरवड़ा पुलिस स्टेशन में कोई लापरवाही हुई है, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
अदालत का निर्णय:
घटना के बाद बढ़ते जनाक्रोश के कारण, पुणे की एक अदालत ने आरोपी किशोर की जमानत रद्द कर दी और उसे एक किशोर सुधार केंद्र भेजने का आदेश दिया।