जम्मू-कश्मीर के लोकप्रिय पर्यटन स्थल पहलगाम में एक बर्बर आतंकी हमला हुआ, जिसमें कई पर्यटकों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए। यह घटना बैसरन घाटी में हुई, जिसे मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से भी जाना जाता है। हथियारबंद आतंकवादियों ने पर्यटकों के एक समूह पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। इस कायराना हमले में कम से कम 26 पर्यटकों के मारे जाने की आशंका है, जिनमें दो विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। कई घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। मृतकों की संख्या बढऩे की आशंका है।
सेना की वर्दी में अचानक आए फायरिंग शुरू की
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हमलावर अचानक आए और बिना किसी चेतावनी के फायरिंग शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि पर्यटकों को संभलने का भी मौका नहीं मिला और घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई। कुछ पीडि़तों ने बताया कि हमलावरों ने पहले पर्यटकों से उनके धर्म के बारे में पूछा और फिर उन्हें निशाना बनाया। इस जघन्य हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है, जो पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ है। सुरक्षा एजेंसियां इस हमले के पीछे शामिल अन्य आतंकियों की पहचान करने और उन्हें पकडऩे के लिए गहन तलाशी अभियान चला रही हैं।
मोदी बोले-बख्शे नहीं जाएंगे दोषी
इस आतंकी हमले की खबर फैलते ही पूरे देश में शोक और आक्रोश की लहर दौड़ गई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस कायराना कृत्य के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस हमले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल श्रीनगर का दौरा किया और उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की। उन्होंने सुरक्षा बलों को आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और क्षेत्र में शांति बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे मानवता के दुश्मनों की घिनौनी हरकत बताया है। उन्होंने पीडि़त परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
पर्यटन उद्योग को बड़ा झटका
यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब कश्मीर घाटी में पर्यटन धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा था और बड़ी संख्या में पर्यटक यहां घूमने आ रहे थे। इस घटना ने न केवल पर्यटकों के बीच दहशत का माहौल पैदा कर दिया है, बल्कि स्थानीय पर्यटन उद्योग को भी गहरा झटका लगा है। सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है और हमलावरों की तलाश जारी है। इस आतंकी हमले ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की गंभीर समस्या को उजागर किया है और सरकार पर आतंकवाद के खिलाफ और भी कठोर कदम उठाने का दबाव बढ़ गया है। पूरा देश इस दुख की घड़ी में पीडि़त परिवारों के साथ खड़ा है और उम्मीद करता है कि जल्द ही इस कायराना हमले के दोषियों को पकड़ा जाएगा और उन्हें कड़ी सजा मिलेगी।