पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सलाहकार राणा सनाउल्लाह ने एक सनसनीखेज खुलासा करते हुए स्वीकार किया है कि भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत किए गए ब्रह्मोस मिसाइल हमले ने पाकिस्तान के नूर खान एयरबेस पर भारी तबाही मचाई थी। उन्होंने बताया कि इस हमले के बाद पाकिस्तान की सेना और सरकार को लगा था कि यह एक परमाणु हमला है, और उनके पास प्रतिक्रिया के लिए महज 30 से 45 सेकंड का ही समय था।
राणा सनाउल्लाह ने अपने बयान में कहा कि जब भारत ने नूर खान एयरबेस पर ब्रह्मोस मिसाइल दागी, तो पाकिस्तानी नेतृत्व के पास यह विश्लेषण करने के लिए बहुत कम समय बचा था कि मिसाइल में परमाणु पेलोड तो नहीं है। उन्होंने कहा कि यह एक बेहद खतरनाक स्थिति थी, और उस पल में कोई भी गलत फैसला वैश्विक परमाणु संघर्ष को जन्म दे सकता था।
यह खुलासा पाकिस्तान के उस शुरुआती इनकार के विपरीत है, जिसमें उसने इस तरह के किसी भी हमले और नुकसान से इनकार किया था। राणा सनाउल्लाह के साथ-साथ पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने भी पहले स्वीकार किया था कि भारत ने पाकिस्तान के दो बड़े एयरबेस पर हमला किया था।
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने मई 2025 की शुरुआत में पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों और आतंकवादी अड्डों को निशाना बनाया था। रिपोर्टों के अनुसार, इस अभियान में नूर खान एयरबेस के साथ-साथ स्कर्दू, भोलारी, जैकबाबाद और सरगोधा जैसे एयरबेस को भी गंभीर क्षति पहुंची थी। इसके अतिरिक्त, पस्रूर और सियालकोट में रडार ठिकानों को भी ध्वस्त किया गया था। इस ऑपरेशन में ब्रह्मोस मिसाइल की उच्च गति और सटीकता ने पाकिस्तान को सकते में डाल दिया था।
राणा सनाउल्लाह के इस कबूलनामे से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत की ब्रह्मोस मिसाइल की मारक क्षमता और प्रभाव को लेकर पाकिस्तान में गहरी चिंता और भय है। उन्होंने बताया कि ब्रह्मोस की गति (ध्वनि से तीन गुना तेज) और रडार से बचने की क्षमता ने पाकिस्तानी सेना को जवाबी कार्रवाई के लिए बहुत कम समय दिया, जिससे उन्हें लगा कि परमाणु युद्ध का खतरा आसन्न है। यह घटना भारत की सैन्य क्षमताओं का एक स्पष्ट प्रदर्शन थी, जिसने पाकिस्तान को अपनी रक्षा तैयारियों पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया है।