महाराष्ट्र में एनसीपी प्रमुख और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार अन्य नेताओं के साथ मुंबई में स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए। वहीं पुणे में एनसीपी एससीपी प्रमुख शरद पवार, सांसद सुप्रिया सुले और पार्टी के अन्य नेताओं ने स्थापना दिवस मनाया। दोनों गुटों के स्थापना दिवस मनाने से यह साफ है कि भले ही पार्टी अजित पवार के अधिपत्य में चली गई है, लेकिन मराठा छत्रप शरद पवार आसानी से हार मानने वाले नहीं हैं। लोकसभा चुनाव में जीत के साथ उन्होंने अपनी अहमियत बता दी है। जाहिर सी बात है कि अजित पवार को अभी महाराष्ट्र में अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए काफी कुछ करना पड़ेगा।
विदेशी मूल के मुद्दे पर छोड़ी थी कांग्रेस
एनसीपी का गठन 10 जून 1999 को शरद पवार, पीए संगमा और तारिक अनवर ने किया गया था। इन नेताओं को कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व करने के लिए इतालवी मूल की सोनिया गांधी के अधिकार पर ऐतराज था। 20 मई 1999 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से तीनों नेताओं को निष्कासित कर दिया था। तब महाराष्ट्र में शरद पवार ने अकेले चुनाव लड़ा और चुनाव के बाद कांग्रेस से ही समझौता कर राज्य में सरकार में शामिल हुए और केंद्र में भी वे मंत्री रहे।
भतीजे ने दिया था गच्चा
शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने बीते साल बगावत कर भाजपा के साथ हाथ मिलाया और शिंदे सरकार में उपमुख्यमंत्री बन गए। लोकसभा चुनाव में अजित पवार के दो सांसद ही चुनकर आए, जबकि शरद पवार के 6 सांसद चुने गए। अब दोनों गुट विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहे हैं।