पंजाब विधानसभा चुनावों में भले ही अभी समय हो, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अभी से अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। बीजेपी एक ‘नायब’ रणनीति के तहत पड़ोसी राज्य हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का इस्तेमाल कर रही है, जो पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार और मुख्यमंत्री भगवंत मान के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं।
सिख समुदाय को रिझाने की कोशिश
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, जो स्वयं एक सिख हैं, पंजाब में सिख समुदाय को रिझाने की कोशिश कर रहे हैं। बीजेपी इस बात को अच्छी तरह से समझती है कि पंजाब में जीत के लिए सिख वोटों का समर्थन बहुत जरूरी है। नायब सिंह सैनी के जरिए बीजेपी सिख वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है, जिससे सीधे तौर पर भगवंत मान की टेंशन बढ़ सकती है। मान की पार्टी ‘आप’ का आधार भी सिख समुदाय में मजबूत माना जाता है।
हरियाणा की योजनाएं पंजाब के लिए चुनौती
नायब सिंह सैनी सरकार की कुछ योजनाएं भी पंजाब में ‘आप’ सरकार के लिए सिरदर्द बन सकती हैं। इनमें से एक है ‘लाडो लक्ष्मी योजना’, जिसके तहत हरियाणा सरकार लड़कियों के लिए कई तरह के लाभ दे रही है। पंजाब में ‘आप’ ने चुनाव के दौरान महिलाओं को 1000 रुपये प्रति माह देने का वादा किया था, जिसे वह अभी तक पूरा नहीं कर पाई है। हरियाणा की इस तरह की योजनाएं पंजाब की महिलाओं में ‘आप’ सरकार के खिलाफ असंतोष पैदा कर सकती हैं, जिससे बीजेपी को फायदा होने की उम्मीद है।
कुल मिलाकर, बीजेपी हरियाणा से नायब सिंह सैनी के जरिए पंजाब में एक नई राजनीतिक बिसात बिछा रही है, जिसका उद्देश्य ‘आप’ सरकार को कमजोर करना और आगामी विधानसभा चुनावों में अपनी स्थिति मजबूत करना है।