यूपीएससी के अध्यक्ष को पत्र लिखने के बाद यूपीएससी में लेटरल एंट्री रद्द करने के कदम को जहां कांग्रेस ने अपनी पीठ थपथपाई है तो भाजपा ने भी इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामाजिक न्याय को दिया है। कांग्रेस ने कहा कि उनके नेताओं के कारण फैसला रद्द हुआ तो भाजपा के मंत्रियों का कहना है कि पीएम मोदी सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध हैं।
सामाजिक न्याय को ध्यान में रखा : मेघवाल
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि पीएम मोदी ने सामाजिक न्याय को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जो पिछले 3-4 दिनों से एक लेटरल एंट्री का विषय चल रहा था। इसके लिए डॉ जितेंद्र सिंह ने एक पत्र यूपीएससी को लिखा है कि जब तक आरक्षण के पूरे प्रवाधान नहीं होते तब तक इसे विड्रॉ किया जाए। ये दर्शाता है कि पीएम मोदी सामाजिक न्याय के प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि इस निर्णय के लिए हम पीएम की प्रशंसा करते हैं।
पीएम मोदी की प्रतिबद्धता साफ दिखी : अश्विनी वैष्णव
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यूपीएससी में लेटरल एंट्री का जो पारदर्शी निर्णय लिया था, उसमें आरक्षण का सिद्धांत हो, ऐसा निर्णय लिया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने हमेशा सामाजिक न्याय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। नीट, मेडिकल एडमिशन, नवोदय विद्यालय में आरक्षण के सिद्धांत को लगाया गया है। पीएम मोदी की प्रतिबद्धता यूपीएससी में लेटरल एंट्री में आरक्षण का सिद्धांत लगाने के निर्णय में साफ दिखाई देती है। 2014 से पहले कांग्रेस की सरकार में लिए गए निर्णयों में आरक्षण के सिद्धांत का ध्यान नहीं रखा जाता था। उन्होंने कहा कि इसका जवाब भी कांग्रेस को देना चाहिए।