भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं, क्योंकि वर्तमान अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। पार्टी जुलाई 2025 में नए अध्यक्ष की घोषणा कर सकती है, और इस बार एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है: बीजेपी को अपनी पहली महिला राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलने की प्रबल संभावना है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में इस बात पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है कि एक महिला नेता को पार्टी की कमान सौंपी जाए। यह फैसला संगठनात्मक संतुलन, महिला सशक्तिकरण और आगामी चुनावी रणनीतियों के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
इस दौड़ में कई बड़े नाम सामने आ रहे हैं, जिनमें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, आंध्र प्रदेश बीजेपी की पूर्व अध्यक्ष डी. पुरंदेश्वरी और तमिलनाडु से वनथी श्रीनिवासन प्रमुख हैं। हालांकि, आखिरी समय में एक ऐसा नाम रेस में सबसे आगे निकलकर आया है, जिसने कई लोगों को चौंका दिया है।
हालांकि, मीडिया रिपोर्टों में अंतिम नाम को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन यह संकेत मिल रहे हैं कि पार्टी एक ऐसे नेता का चयन कर सकती है जो संगठन और सरकार दोनों में अनुभव रखता हो और जिसकी स्वीकार्यता व्यापक हो। इस कदम को बीजेपी की दक्षिण भारत में पैठ मजबूत करने की रणनीति के तौर पर भी देखा जा रहा है।
बीजेपी के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तब तक नहीं हो सकता, जब तक कम से कम 19 राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव पूरा न हो जाए। पार्टी ने इस प्रक्रिया को तेज कर दिया है और कई राज्यों में चुनाव संपन्न हो चुके हैं। इस बीच, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की राय भी इस महत्वपूर्ण निर्णय में अहम भूमिका निभाएगी।
पार्टी के भीतर यह चर्चा भी है कि नया अध्यक्ष 2029 के लोकसभा चुनावों और 2025 में बिहार, 2026 में पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और असम जैसे राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। ऐसे में, यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी की पहली महिला राष्ट्रीय अध्यक्ष का ताज किसके सिर सजता है।