बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर खींचतान जारी है, और ऐसा लगता है कि कांग्रेस अपने प्रमुख सहयोगी आरजेडी के सामने झुकती नजर आ रही है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के कड़े रुख के बाद, कांग्रेस ने संकेत दिए हैं कि वह 2020 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार कम सीटों पर भी चुनाव लड़ने को तैयार है। तेजस्वी यादव ने हाल ही में सार्वजनिक रूप से यह घोषणा की थी कि आरजेडी राज्य की सभी 243 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी। इस बयान के बाद से कांग्रेस के रुख में नरमी देखी जा रही है।
कम सीटों पर भी लड़ने को तैयार कांग्रेस
एक रिपोर्ट के अनुसार, बिहार कांग्रेस इस बार 60 से 62 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए सहमत हो सकती है। पार्टी के एक सांसद के हवाले से बताया गया है कि इस बार उनकी प्राथमिकता ‘अच्छी सीटें’ होंगी, न कि सिर्फ ‘ज्यादा सीटें’। 2020 के चुनाव में कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था।
गठबंधन में बढ़ती खींचतान
महागठबंधन में इस बार दलों की संख्या बढ़ गई है, जिसमें आरजेडी, कांग्रेस, वामपंथी दल, जेएमएम, वीआईपी और लोक जनशक्ति पार्टी (पशुपति पारस गुट) शामिल हैं। इस वजह से सीटों का बंटवारा और भी जटिल हो गया है। तेजस्वी यादव हर हाल में गठबंधन पर अपना दबदबा बनाए रखना चाहते हैं।
कांग्रेस और आरजेडी के बीच तनाव तब और बढ़ गया जब तेजस्वी ने राहुल गांधी को ‘इंडिया’ ब्लॉक का पीएम चेहरा घोषित किया, लेकिन राहुल गांधी बिहार में तेजस्वी को सीएम चेहरा के रूप में वही भरोसा नहीं दे पाए। तेजस्वी ने अपने हाल के एक बयान में यह भी कहा था, “इस बार 243 सीट पर तेजस्वी चुनाव लड़ेगा…मेरी आप सबसे अपील है कि आप वोट मेरे नाम पर दें।” यह बयान कांग्रेस पर दबाव बनाने का एक बड़ा संकेत माना जा रहा है।