बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सत्ताधारी NDA (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के एक आंतरिक सर्वे ने गठबंधन के अंदर खलबली मचा दी है। इस सर्वे में NDA और विपक्षी महागठबंधन (इंडिया गठबंधन) के बीच वोट शेयर में केवल एक प्रतिशत का अंतर रहने का अनुमान जताया गया है, जो कांटे की टक्कर की ओर इशारा करता है।
NDA के सर्वे में सीटें
एक अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, NDA के आंतरिक सर्वेक्षण में 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में NDA को 130 सीटें मिलती हुई दिखाई गई हैं।
- NDA (भाजपा + जदयू): 130 सीटें (2020 के 125 सीटों के प्रदर्शन से सुधार)
- महागठबंधन (RJD-कांग्रेस-लेफ्ट आदि): 102 से 107 सीटें
- अन्य: 2 से 3 सीटें (जन सुराज सहित)
सर्वे से स्पष्ट है कि NDA अपनी पिछली परफॉर्मेंस में सुधार कर रहा है, लेकिन महागठबंधन कड़ा मुकाबला दे रहा है।
प्रशांत किशोर की ‘जन सुराज’ गेम चेंजर!
सर्वेक्षण में प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज को लगभग 9% वोट मिलने का अनुमान लगाया गया है। NDA को आशंका है कि जन सुराज 2020 के चुनाव में चिराग पासवान की पार्टी जैसा ही काम कर सकती है। उस वक्त चिराग की पार्टी ने भले ही सिर्फ एक सीट जीती थी, लेकिन कई सीटों पर NDA (विशेषकर जदयू) को बड़ा नुकसान पहुँचाया था। माना जा रहा है कि जन सुराज का 9% वोट शेयर दोनों प्रमुख गठबंधनों का खेल बिगाड़ सकता है।
नीतीश के पक्ष में कांग्रेस की रिपोर्ट
इस बीच, एक कांग्रेस ग्राउंड रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को न के बराबर एंटी-इनकंबेंसी (सत्ता विरोधी लहर) का सामना करना पड़ेगा, जबकि वह 2005 से ही मुख्यमंत्री हैं।
जदयू एमएलसी नीरज कुमार ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में लोगों ने विकास देखा है। उन्होंने महागठबंधन के ‘सरकारी नौकरी’ के वादे को राजकोष के लिहाज़ से मुश्किल बताया, जबकि NDA सरकार की ‘जीविका दीदी योजना’ से महिला सशक्तिकरण का दावा किया।
पिछला चुनाव (2020) भी बेहद करीबी था, जब NDA को 125 और महागठबंधन को 110 सीटें मिली थीं, लेकिन दोनों गठबंधनों के बीच वोट शेयर का अंतर केवल 0.03% था। इस नए सर्वे से साफ है कि आगामी चुनाव भी बहुत करीबी होने वाला है।