नक्सलियों से लोहा ले रही छत्तीसगढ़ पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। हाल ही में करीब 50 नक्सलियों को मौत की नींद सुलाने वाली पुलिस के सामने दंतेवाड़ा जिले में घर वापसी अभियान के तहत तीन इनामी माओवादियों सहित 35 माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। दंतेवाड़ा के एसपी गौरव राय ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों ने हिंसा छोड़ दी है और लोकतंत्र और संविधान में अपना विश्वास व्यक्त किया है।
इस क्षेत्र में थे सक्रिय
जिन माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है, वेपहले भैरमगढ़, मलंगेर और कटेकल्याण क्षेत्र समितियों में सक्रिय थे। ये नक्सली अक्सर सडक़ खुदाई, पेड़ काटने और बंद के दौरान माओवादी प्रचार-प्रसार जैसी विघटनकारी गतिविधियों में शामिल रहते थे। पुलिस-प्रशासन का दावा है कि नक्सलवाद की अमानवीय विचारधारा और स्थानीय आदिवासियों के शोषण से निराश होकर, अधिक लोग आत्मसमर्पण करके मुख्यधारा में शामिल होने का विकल्प चुन रहे हैं। आत्मसमर्पण करने वाले 35 माओवादियों में से 25 को डीआरजी दंतेवाड़ा, 6 को आरएफटी सीआरपीएफ और 4 को 111वीं बटालियन सीआरपीएफ दंतेवाड़ा ने सहायता प्रदान की है। छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास योजना के तहत सरेंडर करने वाले प्रत्येक माओवादी को दंतेवाड़ा एसपी की ओर से 25 हजार रुपये का इनाम मिलेगा। घर वापसी यानि लोन वराट्टू अभियान को अपनाने वाले लोगों की कुल संख्या 796 हो गई है, जिसमें 180 माओवादियों के सिर पर इनाम भी शामिल है। भाजपा की विष्णु देव सरकार इसे क्षेत्र में शांति और स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानती है।