दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्नाव दुष्कर्म मामले में सजा काट रहे पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को बड़ी राहत दी है। अदालत ने सेंगर की आजीवन कारावास की सजा पर रोक (Suspension of Sentence) लगा दी है, जो उन्हें ट्रायल कोर्ट द्वारा सुनाई गई थी।
यह आदेश न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद और न्यायमूर्ति हरीश वैद्यनाथन शंकर की पीठ ने दिया।
मुख्य शर्तें और निर्देश
अदालत ने सेंगर को राहत देते हुए पीड़िता की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है और निम्नलिखित सख्त शर्तें लागू की हैं:
- दायरे का प्रतिबंध: कुलदीप सेंगर पीड़िता के निवास स्थान के 5 किलोमीटर के दायरे में प्रवेश नहीं करेंगे।
- आर्थिक मुचलका: उन्हें 15 लाख रुपये का निजी मुचलका और इतनी ही राशि के तीन जमानतदार पेश करने का निर्देश दिया गया है।
- अस्थायी राहत: कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह राहत अपील लंबित रहने तक के लिए है और शर्तों के किसी भी उल्लंघन पर इसे वापस लिया जा सकता है।
मामले की पृष्ठभूमि
- दोषसिद्धि: कुलदीप सिंह सेंगर को 2017 में एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने के मामले में 20 दिसंबर 2019 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।
- जुर्माना: सजा के साथ उन पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था।
- अन्य मामले: सेंगर को पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में हुई मौत के मामले में भी दोषी ठहराया गया है, जिसमें वह 10 साल की सजा काट रहे हैं।


