वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी दरों को लेकर बड़े बदलावों का एलान किया है। इसके तहत, अब जीएसटी में सिर्फ तीन स्लैब, 5%, 18% और 40% रहेंगे। 12% और 28% वाले टैक्स स्लैब को खत्म कर दिया गया है।
इन चीज़ों पर अब 0% जीएसटी
कई ऐसे उत्पाद हैं जिन पर अब कोई जीएसटी नहीं लगेगा। इनमें से कुछ प्रमुख उत्पाद इस प्रकार हैं:
- खाद्य पदार्थ: अल्ट्रा हाई टेम्परेचर (UHT) दूध, छेना या पनीर (पैक किया हुआ और लेबल लगा हुआ), पिज़्ज़ा ब्रेड, खाखरा, चपाती या रोटी, पराठा और अन्य भारतीय ब्रेड।
- स्वास्थ्य: कैंसर, दुर्लभ और गंभीर बीमारियों से जुड़ी 33 जीवनरक्षक दवाएं।
- शिक्षा और स्टेशनरी: बिना कोट वाले कागज, किताबों में लगने वाले गत्ते, ग्राफ बुक, लैब की किताबों और नोटबुक। मुद्रित नक्शे, हाइड्रोग्राफिक चार्ट, एटलस, दीवार मानचित्र और ग्लोब। पेंसिल, पेंसिल शार्पनर, रबर, क्रेयॉन्स, टेलरिंग चॉक और चारकोल।
- रक्षा उपकरण: सैन्य उपयोग के लिए कई उपकरण, जैसे उड़ान और लक्ष्य गति अनुकरण यंत्र, लड़ाकू विमानों की इजेक्शन सीटें, सैन्य परिवहन विमान, मानवरहित जल-नीचे वाहन और विभिन्न सैन्य उपकरण के पुर्जे।
28% से 18% पर लाए गए सामान:
- ऑटोमोबाइल और पार्ट्स: पेट्रोल, डीजल और हाइब्रिड वाहन (कुछ शर्तों के साथ), मोटरसाइकिल, तीन पहिया वाहन, एम्बुलेंस और माल ढुलाई वाहन अब 18% जीएसटी के दायरे में आएंगे। इनके पार्ट्स और एक्सेसरीज़ पर भी यही दर लागू होगी।
- इलेक्ट्रॉनिक सामान: टीवी, मॉनिटर, प्रोजेक्टर, सेट-टॉप बॉक्स, एयर-कंडीशनिंग मशीनें और डिशवॉशर भी सस्ते हो जाएंगे।
- अन्य उत्पाद: बीड़ी, सीमेंट, टायर, और इलेक्ट्रिक बैटरियों पर भी टैक्स घटाकर 18% कर दिया गया है।
12% से 18% पर लाए गए सामान:
- उपभोक्ता वस्तुएं: मेंथॉल, खुशबू देने वाली वस्तुएं (अगरबत्ती को छोड़कर), बायोडीजल और ₹2500 से अधिक मूल्य के निटेड और नॉन-निटेड कपड़े महंगे हो सकते हैं।
- पेपर उत्पाद: विभिन्न प्रकार के पेपर और पेपरबोर्ड जैसे क्राफ्ट पेपर, ग्लैसीन पेपर और कोटेड पेपर पर भी टैक्स बढ़कर 18% हो गया है।
5% से 18% पर लाए गए सामान:
कोयला, लिग्नाइट और पीट पर अब 5% की जगह 18% जीएसटी लगेगा, जिससे ये महंगे हो जाएंगे। यह बिजली उत्पादन की लागत को भी प्रभावित कर सकता है।