Friday, July 5, 2024
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Bharat Yadav: सरकारी स्कूल में पढ़कर बने थे IAS, अब मिली सीएम मोहन यादव के सचिव की जिम्मेदारी

मध्य प्रदेश के आधा दर्जन से ज्यादा जिलों में कलेक्टर की जिम्मेदारी संभालते हुए सुशासन की नई इबारत लिखने वाले मध्य प्रदेश कैडर के तेजतर्रार और ईमानदार अफसर, 2008 बैच के आईएएस भरत यादव को मध्य प्रदेश शासन ने बड़ी जिम्मेदारी दी है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने उन्हें स्वयं अपनी टीम का हिस्सा बना लिया है। अब वह आयुक्त नगरी प्रशासन के साथ-साथ मुख्यमंत्री के सचिव के रूप में भी सेवाएं देंगे।

प्रदेश के सबसे ईमानदार अफसरों में हैं शुमार

आपको बता दें कि आयुक्त नगरी प्रशासन के रूप में भरत यादव ने प्रदेश में एक बड़ा नाम स्थापित किया है। उन्होंने प्रदेश के तमाम नगर निगम में भ्रष्टाचार के मामले तो कम किए ही हैं साथ ही वे उनकी योजनाओ से जनता को तमाम योजनाओं का लाभ ही में मिल रहा है। भारत यादव की गिनती प्रदेश के उन चुनिंदा अफसरों में होती है जिन्हें जो भी टास्क दिया जाए वह पूरा करते हैं। यही वजह है कि उनकी उच्चस्तरीय कार्यशैली को पहचानते हुए सीएम डॉक्टर मोहन यादव ने उन्हें अपना सचिव नियुक्त किया है।

24 घंटे जनता से रहता है जुड़ाव

आपको बता दें कि प्रदेश में 24 घंटे जनता से सीधा संवाद स्थापित करने वाले अफसर के रूप में भारत यादव की पहचान है। भरत यादव को आम आदमी का कलेक्टर भी कहा जाता है। जबलपुर, ग्वालियर, मुरैना, सिवनी और नरसिंहपुर में कलेक्टर पद की जिम्मेदारी संभालने वाले भरत यादव जनता के दिलों में बसते हैं.यही वजह है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की सरकार में अब सुशासन की नई कहानी लिखने के लिए ‘भरत’ का चयन हुआ है।

सरकारी स्कूल से आईएएस तक का सफर किया तय

भरत यादव मध्य प्रदेश के दतिया जिले के छोटे से गाँव के रहने वाले हैं। उन्होंने कक्षा पांच तक की पढ़ाई अपने गांव के सरकारी स्कूल में की है. इसके बाद उन्होंने नवोदय विद्यालय से प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की और फिर कक्षा 6वीं में नवोदय विद्यालय शिवपुरी में उनका चयन हो गया। फिर उन्होंने 10वीं कक्षा में रेलवे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में दाखिला लिया और 10वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह मुंबई चले गए और वहां 11वीं और 12वीं की पढ़ाई पूरी की। 12वीं के बाद साल 1999 में उनका चयन रेलवे में टीटीई के लिए हो गया और फिर उन्होंने ग्वालियर से राजनीति विज्ञान में स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की।

संघर्षो से समझौता नहीं किया

भारत यादव ने कभी भी संघर्षो से समझौता नहीं किया बल्कि उन्हें मात देते हुए सफलता की अलग ही कहानियां लिखी। उन्होंने रेलवे में नौकरी करते हुए यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की और 2008 में उनका चयन यूपीएससी में हो गया और वह मध्य प्रदेश कैडर के आईएएस बन गए। भरत यादव की पहली पोस्टिंग हौशंगाबाद, फिर बैतूल जिले में एसडीएम, मुलताई और फिर भोपाल में मंत्रालय विभाग में हुई।इसके बाद उन्होंने प्रदेश के आधे दर्जन से ज्यादा जिलों में कलेक्टर पद की जिम्मेदारी संभाली।

कोरोना में अपनी जान पर खेलकर की जनता की सेवा

देश और दुनिया में जब कोरोना वायरस का भयंकर संकट छाया था तब भरत यादव जबलपुर में कलेक्टर थे। 20 मार्च 2020 वो दिन था जब जबलपुर में एक साथ चार कोरोना पॉजिटिव केस सामने आये थे। यह प्रदेश में कोरोना का पहला मामला था जिसने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया था।

लेकिन तब भरत यादव ने अपनी प्रशानिक कुशलता का परिचय दिया और पूरे जिले को एक सूत्र में बाँध दिया। उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना कर्फ्यू का सख्ती से पालन कराया। यही नहीं जनता के मन में बसे कोरोना के डर को खत्म करने के लिए भरत यादव खुद पीपीई किट पहनकर आइसोलेशन वार्ड पहुँच जाते थे। यही वजह है कि आज भी भरत यादव को उनकी जाबांजी के लिए याद किया जाता है।

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