भारतीय राजनीति के पुरोधा और भारत रत्न से सम्मानित लाल कृष्ण आडवाणी ने 8 नवंबर को अपने जीवन के 98वें वर्ष में प्रवेश किया। इस विशेष अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
पीएम मोदी की शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आडवाणी जी को बधाई देते हुए उन्हें एक दूरदर्शी (दूरदर्शी), विद्वान (विद्वान) और स्टेट्समैन बताया। पीएम मोदी ने कहा कि आडवाणी जी का पूरा जीवन देश के विकास को मजबूत करने के लिए समर्पित रहा है।
- कर्तव्य और सिद्धांत: पीएम मोदी ने देश के पूर्व गृह मंत्री के व्यक्तित्व का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने सदैव निस्वार्थ कर्तव्य और अटल सिद्धांतों की भावना को अपनाया है।
- अमिट छाप: उन्होंने कहा कि आडवाणी जी के योगदान ने भारत के लोकतांत्रिक और सांस्कृतिक परिदृश्य पर अमिट छाप छोड़ी है।
- कामना: प्रधानमंत्री ने ईश्वर से उनके लिए उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना की।
आडवाणी जी का जीवन परिचय
- जन्म: लाल कृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर, 1927 को वर्तमान पाकिस्तान के कराची में एक हिंदू सिंधी परिवार में हुआ था।
- माता-पिता: उनके पिता का नाम किशनचंद आडवाणी (पेशे से एक उद्यमी) और मां का नाम ज्ञानी देवी है।
- शिक्षा: शुरुआती शिक्षा कराची के सेंट पैट्रिक हाई स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने सिंध प्रांत के हैदराबाद में डीजी नेशनल स्कूल में दाखिला लिया।
सम्मान और योगदान
आडवाणी जी को राष्ट्र के प्रति उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए सर्वोच्च नागरिक सम्मानों से सम्मानित किया गया है।
- भारत रत्न: उन्हें साल 2024 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया था।
- पद्म विभूषण: इससे पहले, उन्हें साल 2015 में भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया जा चुका है।
- पार्टी अध्यक्ष: वह सबसे ज्यादा समय तक भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं।
| तथ्य | विवरण |
| जन्म | 8 नवंबर 1927, सिंध (पाकिस्तान) |
| शिक्षा | 1936-1942: कराची के सेंट पैट्रिक्स स्कूल में पढ़ाई |
| भारत आगमन | सितंबर 1947: बंटवारे के बाद सिंध से दिल्ली आए |
| राज्यसभा | अप्रैल 1970: राज्यसभा में प्रवेश |
| भाजपा अध्यक्ष | मई 1986: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने |
| उप-प्रधानमंत्री | जून 2002 – मई 2004: देश के सातवें उप-प्रधानमंत्री बने |


