रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की आईपीएल जीत के जश्न के दौरान चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ में 11 प्रशंसकों की मौत और 47 से अधिक के घायल होने के बाद बेंगलुरु पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने इस मामले में RCB फ्रेंचाइजी, इवेंट मैनेजमेंट फर्म DNA एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड और कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) के खिलाफ आपराधिक लापरवाही का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज की है। यह दुखद घटना 4 जून को हुई थी, जब RCB ने अपना पहला आईपीएल खिताब जीता था और उसके बाद खिलाड़ियों की एक झलक पाने और जश्न में शामिल होने के लिए एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। शुरुआती जांच में पता चला है कि भीड़ प्रबंधन में गंभीर कमी, मुफ्त पास की अफवाहें और सीमित सीटों ने इस भयावह भगदड़ को जन्म दिया।
पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई गंभीर धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है, जिनमें गैर-इरादतन हत्या (धारा 105), जानबूझकर चोट पहुंचाना (धारा 115), खतरनाक तरीकों से गंभीर चोट पहुंचाना (धारा 118) और दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाले कृत्य (धारा 125(12)) शामिल हैं। इसके अलावा, लोक सेवक को उसके कर्तव्य से रोकने के लिए चोट या आपराधिक बल का प्रयोग करने और गैरकानूनी भीड़ में शामिल होने जैसी धाराएं भी लगाई गई हैं।
हाई कोर्ट ने भी स्वत: संज्ञान लिया
कर्नाटक हाई कोर्ट ने भी इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया है और सरकार से 10 जून तक एक विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं, जो 30 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इस बीच, RCB ने मृतकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है, जबकि सरकार ने घायलों के मुफ्त इलाज का वादा किया है। यह भी सामने आया है कि पुलिस ने पहले RCB को विक्ट्री परेड रविवार को आयोजित करने का सुझाव दिया था, लेकिन कर्नाटक सरकार की जिद के कारण इसे जल्दबाजी में बुधवार को आयोजित किया गया, जिससे यह त्रासदी हुई। पुलिस ने कुछ अधिकारियों को गिरफ्तार भी किया है और मामले की जांच CID को सौंप दी गई है। यह घटना आयोजकों और सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी लापरवाही को उजागर करती है, जिससे प्रशंसकों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।