झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए बयानबाजी का दौर तेज हो गया है। झारखंड सरकार में मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि हिमंत बिस्वा सरमा को मैं बहुत हल्के नेता के तौर पर मानता हूं। जिस तरह से लिखो-फेंको कलम आती है जिससे एक बार लिखने के बाद उसे फेंकना पड़ता है। वही हाल उनका है। उनकी बात में कोई दम नहीं है। उन्हें यहां केवल नैरेटिव सेट करने के लिए लाया गया है। असम डूब रहा है लेकिन उन्हें असम की चिंता नहीं हैख् बल्कि झारखंड की है क्योंकि झारखंड में हेमंत सोरेन और इंडिया गठबंधन की इतनी मजबूत आंधी चल रही है जिससे वे भयभीत हो गए हैं। बन्ना ने कहा कि बाढ़ आने के बाद जैसे सांप और चूहा एक ही पेड़ पर बैठ जाते हैं, वैसे ही जेडीयू और भाजपा एक ही पेड़ पर बैठ गए हैं। मजबूरी में इन लोगों ने बेमन से समझौता कर लिया है। गुप्ता ने कहा कि मेरी लड़ाई वैचारिक है व्यक्तिगत नहीं है।
आदिवासी लोग उन्हें चुनाव में सबक सिखाएंगे
झारखंड के मंत्री इरफान अंसारी के बयान पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि हमारी पार्टी इरफान द्वारा सीता सोरेन के खिलाफ इस्तेमाल किए गए शब्दों की निंदा करती है। मैं हेमंत सोरेन की निंदा करना चाहता हूं कि उन्होंने अपनी भाभी के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। सीएम सोरेन के लिए आदिवासी सम्मान कुछ भी नहीं है। शिबू सोरेन की बहू का अपमान किया जाता है और हेमंत सोरेन कुछ नहीं कहते। हिमंत ने कहा कि आदिवासी लोग उन्हें चुनाव में सबक सिखाएंगे।