भगवान राम की नगरी अयोध्या में इस बार रामनवमी खास होगी। रामलला के विराजमान होने के बाद यह पहली बार है जब रामनवमी भव्य तरीके से मनाई जाएगी। ऐसे में देशभर से श्रद्धालुओं का आना होगा। अभी रोजाना 3 से 4 लाख श्रद्धालु अयोध्या आ रहे हैं। वहीं रामनवमी में यह रिकॉर्ड भी टूट जाएगा। ऐसे में मंदिर ट्रस्ट को श्रद्धालुओं के रेला को संभालने में मुश्किल का अहसास हो रहा है।
अपने-अपने स्थानों पर करें पूजा
रामनवमी उत्सव की तैयारियों पर राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि मंदिर ट्रस्ट ने रामनवमी मनाने को लेकर चर्चा की है। श्रद्धालुओं से अपील की जा रही है कि वे रामनवमी पर अपने-अपने स्थानों पर ही पूजा करें और उसके बाद अयोध्या आएं। अगर शहर में अप्रत्याशित संख्या में श्रद्धालु आते हैं तो इससे कानून व्यवस्था पर दबाव पड़ेगा। पुलिस और प्रशासन का उद्देश्य शांतिपूर्ण रामनवमी समारोह सुनिश्चित करना है।
भीड़ को कंट्रोल करना बड़ी चुनौती
जब 22 जनवरी को रामलला का प्राण प्रतिष्ठा समारोह हुआ था तो चुनिंदा लोग ही यहां पहुंचे थे। लेकिन इसके बाद से यहां श्रद्धालुओं की ऐसी भीड़ उमड़ी कि पुलिस-प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। हालात यह बने कि श्रद्धालुओं की बसों को रोकना पड़ा। खुद सीएम योगी आदित्यनाथ को मोर्चा संभालना पड़ा। ऐसे में रामनवमी में पुलिस-प्रशासन ऐसी स्थिति से बचने के प्रयास में है। यही वजह है कि मंदिर ट्रस्ट को अपील करनी पड़ी।