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    प्रखर वक्ता, कवि और दूरदर्शी नेता थे अटलजी, परमाणु परीक्षण, कारगिल युद्ध में विजय के लिए याद किये जाएंगे

    भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज 101वीं जयंती है। 25 दिसंबर 1924 को जन्मे अटल जी न केवल एक कुशल राजनीतिज्ञ थे, बल्कि एक प्रखर वक्ता, संवेदनशील कवि और महान दूरदर्शी नेता भी थे। उनके शब्द आज भी देशवासियों को प्रेरित करते हैं। उनकी जयंती के अवसर पर, यहाँ उनके 10 अनमोल विचार दिए गए हैं जो जीवन, राजनीति और राष्ट्र के प्रति उनके दृष्टिकोण को दर्शाते हैं:

    अटल जी के 10 प्रेरक विचार

    1. हार और जीत पर: “हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा, काल के कपाल पर लिखता मिटाता हूं, गीत नया गाता हूं।”
    2. पड़ोसियों के संबंध में: “आप मित्र बदल सकते हैं, पर पड़ोसी नहीं।”
    3. छोटे मन के प्रति चेतावनी: “छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता।”
    4. लोकतंत्र की शक्ति: “सरकारें आएंगी, जाएंगी, पार्टियां बनेंगी, बिगड़ेंगी; मगर यह देश रहना चाहिए, इस देश का लोकतंत्र अमर रहना चाहिए।”
    5. कर्तव्य और अधिकार: “मेरी कविता जंग का ऐलान है, पराजय की प्रस्तावना नहीं। वह हारे हुए सिपाही का शोक गीत नहीं, बल्कि जूझते हुए योद्धा का जयघोष है।”
    6. परमाणु शक्ति और शांति: “हम शांति के उपासक हैं लेकिन हमारी शांति का आधार शक्ति होनी चाहिए।”
    7. असफलता पर: “बाधाएं आती हैं आएं, घिरें प्रलय की घोर घटाएं, पावों के नीचे अंगारे, सिर पर बरसें यदि ज्वालाएं, निज हाथों में हंसते-हंसते, आग लगाकर जलना होगा। कदम मिलाकर चलना होगा।”
    8. सत्य का मार्ग: “सत्य का कोई विकल्प नहीं है।”
    9. मजहब और राजनीति: “मजहब का आधार परोपकार होना चाहिए, न कि नफरत।”
    10. मृत्यु पर: “मौत की उम्र क्या है? दो पल भी नहीं, जिंदगी सिलसिला है, आज और कल का।”

    सुशासन दिवस (Good Governance Day)

    अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन को पूरे देश में ‘सुशासन दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य सरकारी प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाना और प्रशासन में सुधार लाना है।


    अटल जी की विरासत

    अटल जी का कार्यकाल पोखरण परमाणु परीक्षण, स्वर्ण चतुर्भुज परियोजना और कारगिल युद्ध में विजय के लिए हमेशा याद किया जाएगा। उनकी राजनीति में गरिमा और विरोधियों के प्रति सम्मान एक ऐसी मिसाल है जो वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में भी प्रासंगिक है।

    प्रखर वक्ता और ओजस्वी कवि : PM

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम मोदी ने ट्वीट कर अटल जी को सुशासन और राष्ट्र निर्माण का अग्रदूत बताया। उन्होंने कहा कि अटल जी का जीवन देश के चहुंमुखी विकास के लिए हमेशा पथ-प्रदर्शक रहेगा। प्रधानमंत्री ने उन्हें एक प्रखर वक्ता और ओजस्वी कवि के रूप में याद करते हुए उनके व्यक्तित्व को स्मरणीय बताया।

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