चालबाज चीन के चक्कर में फंसकर श्रीलंका कंगाल हो चुका है। पाकिस्तान बार-बार भीख का कटोरा लेकर घूमते रहता है। हालात यह हैं कि श्रीलंका डिफाल्टर हो चुका है तो पाकिस्तान भी बार-बार डिफाल्ट होने से खुद को जैसे-तैसा बचाते फिर रहा है। अब एक और देश है, जो चीन के कर्ज के चक्कर में फंसकर तबाह होन की कगार पर पहुंच चुका है। चीन का यह पड़ोसी देश अपने चीनी प्रेम की सजा भुगत रहा है। चालबाज चीन कह रहा है कि वह अपने पड़ोसी देश लाओस पर कर्ज का बोझ कम करने में मदद कर रहा है। इस बीच लाओस ने खुलासा किया है कि उसका बाहरी पुनर्भुगतान लगभग दोगुना हो गया है। ऐसे में वह डिफॉल्ट से बचने के लिए अधिक ऋण स्थगन चाहता है।
चीन का सबसे ज्यादा कर्ज
लाओस ने चीन से सबसे ज्यादा कर्ज लिया है। चीन के इस पड़ोसी देश पर 13.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर कर्ज था जो उसके सकल घरेलू उत्पाद का 108 प्रतिशत था। इस बीच विश्व बैंक ने लाओस को चेताया है। लाओस का बाहरी ऋण भुगतान 950 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है। इससे मूलधन और ब्याज भुगतान में ही उसका 670 मिलियन अमेरिकी डॉलर चला जाता है। अमेरिका भी लाओस को चेताते रहा है रहा है और इसे चीन का ऋण जाल कूटनीति करार दिया है। अब देखना होगा कि लाओस चीन के चक्रव्यूह से निकल पाता है या उसका हश्र भी श्रीलंका और पाकिस्तान की तरह ही होगा।
चीन के बोझ तले दबा एक और देश.. पाकिस्तान-श्रीलंका हो चुके बर्बाद
RELATED ARTICLES