हरियाणा सरकार में मंत्री अनिल विज ने कहा, यह पाकिस्तान नहीं बल्कि नापाकिस्तान है। सीजफायर ही हुआ है, लड़ाई खत्म नहीं हुई है। सेनाएं सीमा पर खड़ी हैं। अभी बहुत मुद्दे हैं जिनका समाधान नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी का साफ पैगाम है कि वो गोली मारेंगे, तो हम गोला मारेंगे। पाकिस्तान ने देख लिया है कि हिंदुस्तान की ताकत क्या है। हमने उनके आतंकवादियों के अड्डों को नष्ट किया है।
तीसरा पक्ष हस्तक्षेप कर रहा है या नहीं
कांग्रेस महासचिव (संगठन) एवं सांसद के.सी. वेणुगोपाल ने कहा कि संघर्ष विराम का फार्मूला वास्तव में एक स्वागत योग्य फार्मूला है। कांग्रेस सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा उठा रही है कि क्या कोई तीसरा पक्ष हस्तक्षेप कर रहा है या नहीं। शिमला समझौता बहुत स्पष्ट है कि कोई तीसरा पक्ष हस्तक्षेप नहीं करेगा। अब अमेरिकी राष्ट्रपति दावा कर रहे हैं कि वे इन सभी चीजों के मध्यस्थ हैं। हम अपने सैनिकों को सलाम कर रहे हैं, पर देश को सरकार से कुछ जवाब चाहिए। संसद देश को यह जवाब देने के लिए सबसे अच्छा मंच है। हमें यह जानना है कि कितने लोग मारे गए हैं। हमारे 26 निर्दोष पर्यटकों को मारने वाले लोग कहां हैं? इस तरह के सवाल सार्वजनिक डोमेन में हैं। सरकार को आगे आना चाहिए और संसद में स्पष्ट जवाब देना चाहिए। हम सरकार के साथ खड़े हैं, हम सशस्त्र बलों के साथ खड़े हैं। निश्चित रूप से हम देश की अखंडता के लिए सशस्त्र बलों के साथ खड़े रहेंगे, लेकिन हमें सरकार से थोड़ा स्पष्टीकरण चाहिए।
सबसे बड़ी पंचायत में सबको आना चाहिए
आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि एक बात साफ है, जो भी आधिकारिक ब्रीफिंग हुई है, चाहे सेना की तरफ से हो या विदेश मंत्रालय की तरफ से, वह सुकून देने वाली है। हमारी एकमात्र चिंता ये है कि राजनीतिक और कूटनीतिक स्तर पर जो भी कमियां रही हैं, उन्हें दूर किया जाना चाहिए। ये इसलिए भी जरूरी है क्योंकि जिस पड़ोसी से आप निपट रहे हैं, उसका इतिहास बहुत पुराना है। हमने पहलगाम में अपने नागरिकों को खोया है, इसलिए इसमें ये विराम तात्कालिक है, हमारी प्रतिबद्धता में कोई विराम नहीं है। ये संदेश देने के लिए देश की सबसे बड़ी पंचायत में सबको आना चाहिए, बात करनी चाहिए और दुनिया को एक संदेश जाना चाहिए।
सरकार ने लोकतंत्र की परंपरा को ध्यान में रखा
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने संसद का विशेष सत्र बुलाने की कांग्रेस की मांग पर कहा कि जब भी जरूरत पड़ी, सरकार ने लोकतंत्र की स्वस्थ परंपरा को ध्यान में रखते हुए सभी विपक्षी दलों के नेताओं को जानकारी दी और अब भी हमने उन्हें जानकारी दे दी है। हमले के तुरंत बाद और ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी उन्हें जानकारी दी गई। जो भी आवश्यक कार्रवाई होगी, वह संबंधित विभाग द्वारा की जाएगी।