जब भी कभी भूकंप आता है तो यह संभलने का भी मौका नहीं देता। यही वजह है कि जब भी इसकी तीव्रता 4.5 या उससे ज्यादा होती है तो भारी जान-माल का नुकसान होता है। सबसे मुश्किल बात यह है कि भूकंप ज्यादातर रात या फिर तडक़े ही आता है, जब लोग गहरी नींद में सो रहे होते हैं। बहरहाल गूगल का एंड्रॉइड भूकंप अलर्ट सिस्टम इस गंभीर खतरे से आगाह कराता है। दरअसल 15 फरवरी को गूगल ने अपने एंड्रॉइड सिस्टम को अस्थायी तौर पर बंद कर दिया है। यह फैसला ब्राजील में गलत भूकंप अलर्ट सिस्टम की वजह से लिया गया है। गूगल एंड्रॉइड बेस्ड भूकंप अलर्ट सिस्टम ने लोगों को फर्जी भूकंप अलर्ट नोटिफिकेशन भेज दिया। वहीं ब्राजील के सिविल डिफेंस सिस्टम ने कंफर्म किया कि उसकी तरफ से ऐसा कोई नोटिफिकेशन नहीं भेजा गया है।
भारत में नहीं पड़ा काम
गूगल ने भारत में भी भूकंप अलर्ट सिस्टम को एंड्रॉइड यूजर्स के लिए रोलआउट किया है। दिल्ली के भूकंप के दौरान कोई सायरन अलर्ट नहीं दिया गया। यह माना जा रहा है कि 4.0 तीव्रता होने के कारण संभवत: अलर्ट नहीं आ पाया होगा। दरअसल गूगल भूकंप अलर्ट सिस्टम संकेत देता है कि भूकंप आ सकता है। एंड्रॉइड भूकंप अलर्ट सिस्टम क्राउडसोर्स किए गए डेटा का अध्ययन से तय करता है कि भूकंप आ रहा है या नहीं। इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल 97 अन्य देशों में अलर्ट देने के लिए किया जा रहा है।
4.5 से ज्यादा तीव्रता पर मिलेगा नोटिफिकेशन्स
जानकार बताते हैं कि अगर 4.5 या उससे ज्यादा तीव्रता के भूकंप का पता चलता है, तो आपके फोन पर अलर्ट नोटिफिकेशन भेजा जाएगा। यह अलर्ट हल्के झटकों का संकेत देता है, जिससे आपको भूकंप के झटकों से सावधान रहने का संकेत मिलेगा। साथ ही यह अलर्ट बताता है कि खुद की सेफ्टी के लिए तत्काल एक्शन की जरूरत है। ऐसे में जान-माल के नुकसान से बचा जा सकता है।