More
    HomeHindi NewsDelhi NewsAnalysis : सोशल मीडिया पर लड़ा चुनाव.. काम ना आया कोई दांव

    Analysis : सोशल मीडिया पर लड़ा चुनाव.. काम ना आया कोई दांव

    आम आदमी पार्टी ने जब 2013 में राजनीति में कदम रखा तो उसने सबसे बड़ा हथियार सोशल मीडिया को ही बनाया। उस समय ईमानदारी का तगमा लिए अरविंद केजरीवाल की हर पोस्ट शालीनता की हद में होती थी। 2015 और 20 में हुए चुनाव में भी आप ने सोशल मीडिया के माध्यम से बड़ा कैंपेन चलाया। लेकिन क्या हुआ कि 2025 में आम आदमी पार्टी का सोशल मीडिया कैंपेन बुरी तरह फेल हो गया। आप ने आक्रामक कैंपेन चलाया और तकनीक के साथ एआई का भी सहारा लिया। पार्टी ने कई वीडियो बनवाए, जो दिनभर में पोस्ट होते रहते थे। आप के निशाने पर अमित शाह, रमेश बिधूड़ी और प्रवेश वर्मा रहते थे। इसके बाद भी यह कैंपेन पूरी तरह फेल हो गया और आम आदमी पार्टी को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा।

    अमित शाह को बनाया विलेन, प्रवेश वर्मा, रमेश बिधूड़ी को बताया गालीबाज

    आम आदमी पार्टी ने इस बार सीधे मोदी से टकराने की बजाय अमित शाह को निशाना बनाया। दिल्ली में लगातार बढ़ रहे अपराधों पर अमित शाह को विलेन बनने का प्रयास किया गया। उन्हें गुंडा, चिंकारा और न जाने कैसे-कैसे नाम दिए। फिल्मों के सीन में विलेन की जगह उनको दिखाया गया। इसी तरह प्रवेश वर्मा और रमेश बिधूड़ी को गाली-बाज करार दिया गया। इन सभी नेताओं को गुंडा बनाकर पेश किया गया। संभवत: यही आक्रामक कैंपेन दिल्ली की जनता को पसंद नहीं आई।

    सुहागरात का सीन भी दिखाया

    एक विज्ञापन में तो आम आदमी पार्टी ने सुहागरात का सीन ही फिल्मा दिया। इस वीडियो में सुहागरात मनाने आ रहे दूल्हे को दिखाया गया था। वह आगे बढ़ता है, तभी लाइट गुल हो जाती है और वह गिर पड़ता है। इसी तरह के कई वीडियो आम आदमी पार्टी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से पोस्ट किए।

    भाजपा ने बनाए रखी मर्यादा

    भाजपा ने भी सोशल मीडिया पर बड़ा कैंपेन चलाया। कई वीडियो पोस्ट कि, एआई का सहारा लिया लेकिन यह सब शालीनता के दायरे में किया गया। ना तो भाजपा ने किसी को गुंडा बताया, न ही किसी को विलेन बताया। उसका पूरा कैंपेन मुद्दों पर आधारित रहा। यही वजह रही कि दिल्ली की जनता ने भाजपा पर भरोसा किया और कीचड़ उछलना वाली राजनीति को बाहर का रास्ता दिखा दिया।

    RELATED ARTICLES

    Most Popular

    Recent Comments