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    अमृत स्नान देवताओं को भी है दुर्लभ.. आज 3-4 करोड़ लोग करेंगे पवित्र स्नान

    प्रयागराज महाकुंभ में आनंद अखाड़ा आचार्य मंडलेश्वर बालकानंद जी महाराज, आनंद अखाड़े के सुरेंद्र गिरी जी महाराज, स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज समेत कई साधु-संत मकर संक्रांति के अवसर पर प्रयागराज महाकुंभ 2025 के पहले अमृत स्नान के लिए प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पहुंचे और स्नान किया। सनातन धर्म के 13 अखाड़ों के साधु त्रिवेणी संगम पर पवित्र डुबकी लगा रहे हैं। पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के श्री कमलानंद गिरि महाराज ने बताया कि यह एक लंबी परंपरा रही है, सभी अखाड़े एक के बाद एक पवित्र स्नान करते हैं। यह महाकुंभ एक शुभ अवसर है जहां सनातन धर्म के लोग एकजुट होते हैं और प्रार्थना करते हैं।

    भारतीय परंपरा में इस स्नान का बड़ा कौतूहल

    श्रीपंचायती निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने बताया कि अमृत स्नान देव दुर्लभ है, देवताओं को भी दुर्लभ है। आज सूर्य उत्तरायण होंगे इस तिथि की प्रतीक्षा देश के सभी संत करते हैं। भारतीय परंपरा में इस स्नान को लेकर बड़ा कौतूहल रहता है। इस स्नान को देखने के लिए देवता भी तरसते हैं। आज लगभग 3-4 करोड़ लोग पवित्र स्नान करेंगे।

    जो लोग यहां आ पाते हैं, वे बहुत भाग्यशाली हैं

    आनंद अखाड़े के कुमार स्वामी जी महाराज ने कहा कि महाकुंभ से बड़ा कुछ नहीं है। जो लोग यहां आ पाते हैं, वे बहुत भाग्यशाली हैं। जहां भी हम देखते हैं, वहां लोग आपस में लड़ रहे हैं लेकिन यहां शांति है। यहां मौजूद होने और सब कुछ होते देखने मात्र से ही आनंद और शांति मिलती है। हमारे ऋषि-मुनि और शास्त्र हमेशा से दुनिया में शांति चाहते रहे हैं। मैं अपने महान ऋषियों और धार्मिक ग्रंथों को नमन करता हूं। मैं इस दिन को देने के लिए हमारी धरती और भगवान शिव को नमन करता हूं। उन्होंने कहा कि सभी को यहां आना चाहिए।

    महाकुंभ मेले में अद्भुत व्यवस्थाएं, सफाई का भी ध्यान

    महाकुंभ 2025 में शामिल हुई श्रद्धालु मोनी राणा ने बताया कि इतनी भीड़ होने के बाद भी प्रशासन ने व्यवस्था अच्छी रखी हुई है। किसी को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हो रही है। साफ सफाई का भी ध्यान रखा गया है। पर्यटकों ने भी साफ-सफाई रखी हुई है। वहीं जर्मन नागरिक थॉमस ने बताया कि मैं महाकुंभ मेले में भाग लेने आया हूं। मेले का आयोजन बहुत अच्छे से किया गया है और मेला बहुत बड़ा है। मैं यहां आध्यात्मिक शक्ति को महसूस करने और भारतीय लोगों से मिलने आया हूं।

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