बिहार के मोकामा में दुलारचंद यादव हत्याकांड के बाद मचे सियासी बवाल के बीच, जेडीयू प्रत्याशी और बाहुबली नेता अनंत सिंह की गिरफ्तारी एक बड़े घटनाक्रम के रूप में सामने आई है। इस गिरफ्तारी के पीछे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का एक बयान और पटना पुलिस की गोपनीय रणनीति ने मुख्य भूमिका निभाई।
माना जा रहा है कि दुलारचंद हत्याकांड पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बयान पुलिस पर त्वरित कार्रवाई करने का बड़ा दबाव बना। अमित शाह ने एक इंटरव्यू में कहा था कि मोकामा में हत्या हुई, यह ठीक नहीं है, गलत हुआ है और कानून कड़ी कार्रवाई करेगा। इस राजनीतिक दबाव के चलते ही पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया।
रात 12 बजे का ऑपरेशन और 150 पुलिसवाले
पुलिस ने अनंत सिंह की गिरफ्तारी के लिए बेहद गोपनीय तरीके से और आधी रात के वक्त ऑपरेशन को अंजाम दिया। पटना के एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने खुद देर रात करीब 11 बजे गिरफ्तारी की कमान संभाली। एसएसपी की टीम में बाढ़-मोकामा के स्थानीय पुलिस अधिकारियों के अलावा पटना पुलिस की स्पेशल टीम और करीब 150 पुलिसकर्मी शामिल थे। पुलिस ने रात का अंधेरा इसलिए चुना ताकि अचानक हुई कार्रवाई से अनंत सिंह के समर्थक हंगामा न कर सकें और न ही दुलारचंद के समर्थकों को किसी तरह का पलटवार करने का मौका मिले।
- पुलिस को ठोस इनपुट मिला कि अनंत सिंह चुनाव प्रचार के बाद बाढ़ के बेढ़ना गांव में रुके हुए हैं। रात करीब 12 बजे भारी संख्या में पुलिस बल बेढ़ना गांव पहुंचा और अनंत सिंह को हिरासत में ले लिया गया।
एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने पुष्टि की कि अनंत सिंह को उनके दो सहयोगियों, मणिकांत ठाकुर और रणजीत राम के साथ गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने शुरुआती जांच, चश्मदीदों के बयानों और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर अनंत सिंह को मुख्य अभियुक्त बनाया है।


