कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अमेरिका के कुछ फैसलों और बयानों पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि ये भारत की कूटनीति के लिए बड़े झटके हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका की क्या सोच और मंशा है, उस पर कई सवाल खड़े होते हैं। कल अमेरिका से भारत की राजनीतिक कूटनीति को 3 बड़े झटके मिले हैं। पहला धक्का था कि अमेरिकी सेंट्रल कमांड के अध्यक्ष माइकल कुरिला ने कहा कि पाकिस्तान हमारा अभूतपूर्व साथी है। दूसरा धक्का था असीम मुनीर को 16 जून को होने वाले अमेरिकी सेना दिवस पर विशेष निमंत्रण भेजा गया है। उनके विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप की मध्यस्थता के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम हुआ है। ये चेतावनी और चुनौती है। हमें इसे समझना चाहिए और इसका सामना करना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी को सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए।
असीम मुनीर को बुलाना बड़ा झटका
रमेश ने इस बात पर कड़ी आपत्ति जताई है कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को 14 जून 2025 को अमेरिका के सेना दिवस समारोह के लिए वाशिंगटन डीसी में आमंत्रित किया गया है। उन्होंने इसे भारत के लिए कूटनीतिक और सामरिक तौर से एक बड़ा झटका बताया। इसके साथ ही, उन्होंने अमेरिकी सेंट्रल कमांड के प्रमुख जनरल माइकल कुरिल्ला द्वारा पाकिस्तान को आतंकवाद विरोधी अभियानों में एक अभूतपूर्व साझेदार बताने वाली टिप्पणी पर भी सवाल उठाया। रमेश ने पूछा कि प्रधानमंत्री और उनकी सरकार इस पर क्या कहेगी और क्या यह भारत के लिए कूटनीतिक झटका नहीं है?
अमेरिकी हवाई अड्डे पर भारतीय छात्र का अपमान
जयराम रमेश ने अमेरिका के नेवार्क हवाई अड्डे पर एक युवा भारतीय छात्र के साथ कथित हिंसक गिरफ्तारी और निर्वासन की घटना को भी उठाया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार भारत और भारतीयों के सम्मान की रक्षा करने में लगातार विफल हो रही है। रमेश ने प्रधानमंत्री से अपील की कि वे तत्काल अमेरिकी राष्ट्रपति से बातचीत करें और अमेरिका में भारतीयों के साथ हो रहे दुव्र्यवहार और अत्याचार पर हस्तक्षेप की मांग करें।