अरबपति एलन मस्क के नेतृत्व वाले अमेरिका के सरकारी दक्षता विभाग ने भारत में वोटर टर्न आउट के लिए भारत को दी जाने वाली सहायता राशि रोक दी है। इस फंडिंग का इसतेमाल भारत के चुनावों में मतदान बढ़ाने के लिए किया जाना था। इस कदम से भारत के चुनावों में विदेशी दखल का मुद्दा गरमा गया है। भाजपा ने इस फंडिंग के लाभार्थियों पर सवाल उठाए हैं। भाजपा आईटी सेल के अध्यक्ष अमित मालवीय ने एक्स पर पोस्ट कर भारत की चुनावी प्रक्रिया में दखल पर सवाल उठाए हैं। मालवीय ने अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस पर आरोप लगाए हैं। वहीं कांग्रेस की इस पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
यह भारत की चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप : नलिन
भाजपा नेता नलिन कोहली ने कहा कि कोई अमेरिकी एजेंसी भारत में चुनाव संबंधी काम के लिए 21 मिलियन डॉलर क्यों देना चाहेगी? क्या यह भारत की चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं होगा? उन्होंने कहा कि हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं। यहां स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होते हैं। संस्थागत रूप से ऐसे तंत्र हैं, जो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करते हैं, जिसमें भारत का चुनाव आयोग भी शामिल है। उन्होंने कहा कि हमने पहले भी देखा है कि कांग्रेस जैसी कुछ राजनीतिक पार्टियां कैम्ब्रिज एनालिटिका जैसे संगठनों के साथ मिलकर किस तरह का प्रभाव बनाने की कोशिश करती हैं। इससे चुनाव प्रक्रिया में बदलाव हो सकता है या उसमें हस्तक्षेप हो सकता है। निश्चित रूप से अगर किसी ने इसके तहत पैसा लिया है तो उसे स्पष्ट किया जाना चाहिए और अगर ऐसा कुछ रोका जा रहा है, तो यह हस्तक्षेप के बिना लोकतंत्र की स्वतंत्रता के व्यापक हित में है।