देश की सेवा का जूनून जिंदगी में किसी भी मुश्किल से लड़ने के लिए तैयार कर देता है। आज की ये कहानी देश सेवा के एक ऐसे ही जूनून से जुडी हुई है। जहा एक तरफ आर्मी में रहकर माता-पिता सरहद की सुरक्षा की तो अब बेटी आईएएस अफसर बनकर समाज की सेवा के लिए तैयार है। ये कहानी है यूपीएससी में बिना कोचिंग किये 28वी रैंक हासिल करने वाली चंद्रज्योति सिंह की।
कौन है चंद्रज्योति सिंह ?
आईएएस चंद्रज्योति सिंह उन उम्मीदवारों में से एक हैं जिन्होंने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास कर ली।चंद्रज्योति का जन्म पूर्व सेना अधिकारियों के परिवार में हुआ था; उनकी मां लेफ्टिनेंट कर्नल मीन सिंह थीं और उनके पिता कर्नल दलबारा सिंह एक आर्मी रेडियोलॉजिस्ट थे। उनके माता-पिता, जो सेना अधिकारी हैं, ने उन्हें हमेशा जीवन में सफल होने के लिए प्रेरित किया है।चंद्रज्योति सिंह का पालन-पोषण एक अनुशासित और प्रेरणादायक वातावरण में हुआ जहाँ उनके माता-पिता ने उन्हें कम उम्र में ही दृढ़ता और प्रतिबद्धता के गुण सिखाए।
चंडीगढ़ में की पढ़ाई
सिंह ने चंडीगढ़ के भवन विद्यालय, चंडीगढ़ से 12वीं कक्षा की परीक्षा में आश्चर्यजनक 95.4% अंक हासिल किए और जालंधर के एपीजे स्कूल से 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में 10 सीजीपीए हासिल किया। उन्होंने 2018 में दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से 7.75 सीजीपीए और इतिहास में ऑनर्स की डिग्री हासिल करते हुए अपनी पढ़ाई आगे बढ़ाई।
2018 में मिली सफलता
अपनी स्नातक स्तर की पढ़ाई के बाद, सिंह ने 2018 में अपनी यूपीएससी तैयारी प्रक्रिया शुरू करने से पहले एक साल की छुट्टी ली। एक सख्त योजना और अटूट प्रतिबद्धता के साथ, उन्होंने न केवल यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण की, बल्कि एक उत्कृष्ट अखिल भारतीय रैंक (एआईआर) 28 भी हासिल की। चंद्रज्योति सिंह इस तरह महज 22 साल की उम्र में ही आईएएस अफसर बन गई।